करवाचौथ 2023: जाने व्रत की मान्यता और व्रत खोलने का शुभ मुहूर्त
1 नवंबर को बनाया जाने वाला करवाचौथ पूजा-अर्चना का मुहूर्त शाम 5:44 से 7:02 तक रहेगा वही चाँद का दीदार 8:26 बजे होगा।
विवाहित महिलाओं द्वारा अपने अपने पतियों की लम्बी उम्र की कामना करने के लिए रखा जाने वाला करवाचौथ का व्रत रखती है। सुहागिनें सोलह श्रृंगार के साथ आज करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। पति के लिए आज पत्नियां सोलह श्रृंगार करके चांद के सामने पूजा करेंगी। मंगलवार देर रात तक पर्व की पूर्व संध्या पर शृंगार, मेहंदी, पूजा व व्रत से जुड़ी सामग्री की खरीदारी को लेकर बाजार गुलजार रहे। बाज़ारों में रौनक देख व्यवपारियों के भी चेहरे खिले हुए दिखें।
पूजा का शुभ मुहूर्त :
आचार्य बिजेंद्र प्रसाद ममगाईं के अनुसार करवा चौथ का मुहूर्त रात 8:26 बजे चांद के दर्शन होंगे। पूजा-अर्चना का मुहूर्त शाम 5:44 से 7:02 तक रहेगा।
क्यों बनाया जाता है करवाचौथ :
पौराणिक मान्यता के अनुसार मां पार्वती ने प्रथम बार भगवान शिव के लिए निर्जला व्रत रखा था। इसके अलावा मां सीता व मां द्रोपदी ने भी यह व्रत किया था। उन्होंने ही करवा का उपयोग किया, तब से यह परंपरा शुरू हुई। करवाचौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। यह पर्व पति-पत्नी के स्नेह और समर्पण के भाव को दर्शाता है। महिलाओं द्वारा अखंड सौभाग्य व सुखी दांपत्य जीवन की प्राप्ति के लिए निर्जल व्रत रखती हैं। वहीं रात्रि में चांद को अर्घ्य देने के बाद पति के हाथ से पहला निवाला लेकर व्रत खोलती हैं।
कैसे करें पूजा:
सुबह स्नान के बाद हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और निर्जला उपवास शुरू करें। शाम के समय मिट्टी के बर्तन में वेदी बनाकर शिव परिवार की स्थापना करें। एक थाली में धूप, दीप चंदन, रोली, सिंदूर रखें और घी के दीये जलाएं। चंद्रोदय के साथ पूजा करें। इस समय करवा चौथ की कथा जरूर सुनें। चांद को छलनी से देखने के बाद जल चढ़ा कर चंद्रमा की पूजा करें। जीवनसाथी के हाथ से जल पीकर व्रत खोलें।