Joshimath Live Updates : प्रभावितों के समर्थन में हरीश रावत का मौन उपवास

जोशीमठ के भूस्खलन प्रभावित परिवारों को मुआवजे की मांग को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत देहरादून में मौन उपवास पर बैठे हैं।

गांधी पार्क में समर्थकों के साथ धरने पर बैठे हरीश रावत ने कहा कि जोशीमठ में प्रभावितों लोगों के घरों को तोड़े जाने से पहले मुआवजे के तौर पर वन टाइम सेटेलमेंट किया जाना जाहिए। उन्होंने कहा कि बिना किसी पुनर्वास नीति के भवनों को ध्वस्तीकरण अन्यायपूर्ण है।

हरीश रावत ने कहा कि सरकार यदि 24 घंटे के भीतर वन टाइम सेटलमेंट नहीं करती, तो कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी।

इस बीच जोशीमठ में प्रशासन और लोगों के बीच मुआवजे को लेकर बात नहीं बन पाई है। लोगों का कहना है कि बिना आर्थिक आकलन के उनके घरों को ध्वस्त न किया जाए।

प्रशासन ने जोशीमठ में भूस्खलन से प्रभावित परिवारों को डेढ़ लाख रुपये की तात्कालिक अंतरिम सहायता देने का निर्णय लिया है मगर प्रभावित लोग इससे संतुष्ठ नहीं हैं।

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दूसरी तरफ प्रशासन कहना है कि डेढ़ लाख रुपये की यह मदद तात्कालिक है। जोशीमठ में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश के सचिव मुख्यमंत्री, आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने कहा कि आर्थिक मदद तात्कालिक है ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।

उन्होंने बताया कि 50 हजार रूपये घर शिफ्ट करने तथा 1 लाख रूपये आपदा राहत मद से एडवांस में उपलब्ध कराया जा रहा है, जो कि बाद में समायोजित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि जोशीमठ में अभी तक भू धंसाव की सबसे ज्यादा चपेट में आए दो होटलों, को ही ध्वस्त किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि ये दोनों होटल आप-पास के भवनों के लिए भी खतरा बने हुए है।

उन्होंने बताया कि इनके अलावा अभी किसी भी भवन नही तोड़ा जा रहा है। सुंदरम ने कहा कि भू-धंसाव से जो भी प्रभावित होंगे उन्हें मार्केट दर पर मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारण 723 भवनों को चिन्हित किया गया है जिनमें दरारें आई हैं। बीते रोज 45 भवनों को चिन्हित किया गया। कुल 723 में से 86 भवन पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। अभी तक 131 परिवारों के 462 लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में विस्थापित किया गया है।

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इस बीच जोशीमठ से एक राहत भरी खबर यह है कि शहर से करीब 9 किलोमीटर दूरी पर स्थित मारवाड़ी इलाके की जेपी कालोनी में हो रहे पानी के रिसाव की रफ्तार में कमी आई है।

इस कालोनी में 2 जनवरी को मटमैले पानी का रिसाव शुरू हुआ था जिसकी रफ्तार तेजी से बढ़ने लगी थी।

सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि रविवार को पानी का डिस्चार्ज 560 लीटर प्रति मिनट (एलएमपी) था, जो मंगलवार को घटकर 360 एलएमपी पर पहुंच गया है।

उन्होंने बताया कि पानी के डिस्चार्ज पर हर घंटे नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही सुंदरम ने बताया कि जोशीमठ ने नए मकानों में दरारें नहीं हैं जो कि राहत की बात है।

इस बीच जोशीमठ में असुरक्षित भवनों की संख्या भी लगातार बढती जा रही है। बीते रोज 45 भवनों को चिन्हित किए जाने के बाद यह संख्या 723 पहुंच गई है। इनमें से 86 भवन पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं।

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