जोशीमठ भू-धंसाव : अब तक 77 परिवार शिफ्ट, औली रोपवे का संचालन बंद

देवभूमि उत्तराखंड के जिला चमोली स्थित जोशीमठ धार्मिक और पर्यटन के नजरिये से बेहद महत्वपूर्ण है। जिसका दीदार करने हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ आते रहते हैं।

लेकिन अब जोशीमठ में कुछ ऐसा हो रहा है, जिसको लेकर दूर-दराज के लोग तो क्या ! बल्कि वहां के स्थानीय लोग भी वहां रहने से कतरा रहे हैं। दरअसल, जोशीमठ पर खतरे के बदल मंडराने लगे हैं। ग्रामीणों और भू वैज्ञानिकों ने बताया कि धीरे-धीरे जोशीमठ धरती में धंसता चला जा रहा है।

जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है। अब स्थिति यह है कि भू-धंसाव ने सभी वार्डों को चपेट में ले लिया है। इसी बीच सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं जिससे पूरे नगर में दहशत फैल गई। बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को कंपनी ने और अलग-अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया।

इससे पूर्व 11 प्रभावितों को शिफ्ट किया जा चुका है। वहीं मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव होने से निचले क्षेत्र के भवनों को भी खतरा हो गया है। नगर के सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरारें उभर आई हैं, जिससे यहां रहने वाले परिवारों पर भी खतरा मंडराने लग गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बुधवार को 66 परिवार को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया, जिसके बाद कुल 77 परिवार शिफ्ट किए जा चुके हैं। वहीं, औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है।

रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट ने बताया कि प्रशासन की ओर से यह आदेश मिले हैं, जबकि जीएमवीएन निदेशालय की ओर से अभी तक रोपवे संचालन रोकने के आदेश नही आए हैं। बता दें कि जोशीमठ में रोपवे टावर के इर्दगिर्द की जमीन में भी दरारें पड़ी हैं। पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

जोशीमठ नगर में भू-धंसाव की समस्या को लेकर जिला प्रशासन ने जोशीमठ तहसील में प्रभावित लोगों को त्वरित राहत एवं किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए कंट्रोल रुम स्थापित किया है। जिसका दूरभाष नंबर 8171748602 है। किसी भी सहायता के लिए प्रभावित परिवार इस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।

 

 

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