जोशीमठ भू-धंसाव : दरकते घरों की संख्या हुई 783 ; जमीन से पानी का रिसाव बढा

जोशीमठ में भू-धंसाव की परिस्थिति गंभीर हो रही है शहर में दरकते घरों की संख्या लगातार बढ रही है । अबतक 783 घरों में दरारें पड़ चुकी हैं । अगले 2 दिनों में ये संख्या 800 के पार होने की संभावना है ।

फिलहाल प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है । बीते 2 दिनों में जोशीमठ में हुई बारिश के कारण वॉटर डिस्चार्ज भी बढा है । जेपी कंपनी में हो रहा पानी का रिसाव 190 एमपीएन से 240 एमपीएन तक बढ गया है । आपदा प्रबंधन विभाग ने मामले में चिंता व्यक्त की है ।

कई आपदा प्रभावितों को सरकार की ओर से तय की गई डेढ लाख रूपए की राशि मिल गई है । जिसमें और भी परिवारों को धनराशि वितरित की जाएगी । जानकारी के मुताबिक अबतक कुल 1 करोड़ 85 लाख रूपए की धनराशि वितरित की जा चुकी है ।

आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया की आपदा प्रभावितों के लिए मार्डन टेम्परेरी शेल्टर बनेंगे, जो जोशीमठ के आसपास के सुरक्षित इलाकों में एक सप्ताह में बनाए जाएंगे, इन मार्डन टेम्परेरी शेल्टर्स से प्रभावितों को राहत मिल सकेगी।

उन्होने बताया की प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया जा रहा है ।  जोशीमठ से अबतक 223 परिवारों को विस्थापित किया जा चुका है ।

आपदा प्रबंधन के सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया की जोशीमठ में अभी  4 संस्थानों के विशेषज्ञ शोध कर रहे हैं । जिनकी रिपोर्ट्स आने में थोड़ा समय लगेगा, रिपोर्ट से पहले विशेषज्ञों को कोई भी जानकारी मीडिया से साझा करने की अनुमति फिलहाल नहीं है . उन्होने कहा की सभी संस्थानों से विचार विमर्श करने के बाद रिपोर्ट्स सार्वजनिक की जाएगी ।

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