जोशीमठ भू-धंसाव :  राहत शिविरों में पड़ी दरारें, जीएमवीएन भी खतरे में

जोशीमठ में भू-धंसाव की परिस्थिति बिगड़ने लगी है । लोगों के घरों के साथ अब राहत शिविरों में दरारें पड़ने लगी हैं । हालांकी राहत शिविरों में पड़ी दरारें पुरानी बताई जा रही हैं लेकिन प्रशासन इसे भी अन्देखा नहीं करना चाहता ।

यहां तक की विशेषज्ञों की टीम जिस गेस्ट हाउस में रूकी है उस जीएमवीएन में भी दरारें पड़ने लगी है। पहले ये दरारें बिल्कुल पतली थी लेकिन अब ये दरारें चौड़ी होती जा रही हैं । बताया जा रहा है की जल्द ही जीएमवीएन के भी असुरक्षित श्रेणी में आने के पूरे आसार हैं ।

जोशीमठ में जिन होटल का ध्वस्तीकरण किया जा रहा है उसके बाद अब लोगों के आवासों की ध्वस्तीकरण की भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है ।

जोशीमठ में अब तक कुल 258 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा चुका है ।  चमोली आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के अनुसार जोशीमठ में अबतक कुल 849 घरों में दरारें पड़ गई हैं । जिनमें से 181 घरों को पूरी तरह असुरक्षित आवासों की श्रेणी में ऱखा गया है । जानकारी के मुताबिक अबतक 500 प्रभावितों को 327.77 लाख रुपये की धनराशि प्रभावित परिवारों में वितरित की जा चुकी है।

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