ऋषिकेश एम्स भर्ती में अनियमितताएं : कोर्ट की सरकार को फटकार

एम्स ऋषिकेश में हाल ही में हुई भर्तियों में अनियमितता का मामला सामने आया है जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है । ऋषिकेश निवासी आशुतोष सिंह ने एम्स में हुई भर्तियों पर अनियमितता का अंदेशा जताते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की ।

याचिका में कहा की एम्स ऋषिकेश में विभिन्न खाली पदों को भरने के लिए भर्तियां हुई जिसमें स्पस्ट रूप से आरक्षण दिया गया लेकिन एम्स के निदेशक प्रो. रविकांत के कार्यकाल में अन्य पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति जनजाति की सीटों की भर्ती में 32 डॉक्टरों की नियुक्ति बिना भर्ती प्रक्रिया पालन किए हुई। याचिकाकर्ता का कहना है की इसमें प्रो. रविकांत ने अपने परिजनों और करीबी लोगों को नियुक्ति दी ।

उनका कहना है कि निदेशक प्रो. रविकांत की पत्नी डॉ. बीना को नियमों के खिलाफ सर्जरी विभाग में बतौर संविदा प्रोफेसर नियुक्त कर दिया गया। प्रो. रविकांत के बहनोई को भी विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर नियुक्त कर दिया गया।

जनहित याचिका में कहा गया है कि निदेशक के करीबी दोस्त एसपी अग्रवाल को भी बिना किसी इंटरव्यू और दूसरी भर्ती प्रक्रिया के सर्जिकल ओंकोलॉजी विभाग में तैनात कर दिया गया। जब इसकी शिकायत केंद्र सरकार व सीईसी से की गई तो उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। याचिकाकर्ता आशुतोष ने कहा की इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए ।

हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस बाबत सरकार से जवाब मांगा है ।

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