भारतीय कुश्ती संघ: विरोध में सड़क पर ही पद्मश्री सम्मान रख आये बजरंग, पीएम को लिखी चिठ्ठी
भाजपा सांसद बृजभूषण के ही करीबी को भारतीय कुश्ती संघ का अध्य्क्ष नियुक्त किये जाने के विरोध में पहलवान बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान लौटा दिया है और साथ ही उन्होंने पीएम मोदी को चिठ्ठी भी लिखी है।
ओलिंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया शुक्रवार को अपना पद्मश्री सम्मान लौटने के पीएम से मिलने संसद पहुंचे खिलाडी बजरंग को रस्ते में ही पुलिस ने रोक लिया। इस पर उन्होंने फुटपाथ पर ही अपना पद्मश्री सम्मान के साथ ही पीएम मोदी के लिए एक पत्र भी वही रख दिया। भारतीय कुश्ती संघ के चुनावों में भाजपा सांसद बृषभूषण के ही करीबी संजय सिंह को अध्य्क्ष पद मिलने से नाराज़ उन्होंने अपना यह सम्मान वापिस करने का फैसला लिया है।
पीएम मोदी के लिए पत्र में उन्होंने प्रधानमंत्री के स्वस्थ्य होने की कामना के साथ ही लिखा की वह उनका ध्यान देश की कुश्ती में खींचना चाहते है। उन्होंने कहा कि इस साल जनवरी में कुछ महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिसके विरोध में वह आंदोलन पर बैठे थे। जिस पर सरकार द्वारा ठोस कार्रवाई की बात कही थी लेकिन तीन महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं जनवरी में जिन महिलाओं ने आरोप लगाया था उनकी संख्या 19 थी मगर अब केवल 3 ही रह गयी है। जिसका मतलब यह है कि अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण ने 12 महिला पहलवानों को पीछे हटा दिया है।
पुलिस द्वारा पहलवान बजरंग पुनिया को ऐसा न करने की सलह भी दी गई लेकिन उन्होंने अपना सम्मान और पत्र वही सड़क किनारे रख दिया। जिस पर बाद में पुलिसकर्मियों द्वारा सम्मान और पात्र को सड़क से उठा लिया गया। मीडिया से बातचीत में पहलवान बजरंग ने कहा कि वह पीएम को अपना सम्मान लौटने यहां आये थे लेकिन उनका व्यस्त कार्यक्रम है। वह अपना यह सम्मान घर नहीं ले जा सकते ऐसे में वह पत्र के साथ यह सम्मान यही रख रहे है। साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 में जब उन्हें यह सम्मान मिला था तो बहुत खुशी हुई थी लेकिन आज यही सम्मान उन्हें कचोट रहा है और वह बहुत दुखी है।
आपको बता दें भारतीय कुश्ती संघ के अध्य्क्ष के चुनाव के रिजल्ट से नाखुश एकमात्र ओलम्पिक विजेता महिला पहलवान साक्षी मलिक ने भी कुश्ती को अलविदा कह दिया है।