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I.N.D.I.A एलायंस ने किया 14 टीवी एंकरों का “बहिष्कार” 

26 विपक्षी दलों के गठबंधन, I.N.D.I.A ने घोषणा की है कि वह 14 टीवी एंकरों के शो का बहिष्कार करेंगे । I.N.D.I.A के अनुसार यह एंकर नफरत और गलत सूचना फैला रहे हैं और उनके शो स्वस्थ लोकतंत्र के अनुकूल नहीं हैं।

26 विपक्षी दलों के गठबंधन, I.N.D.I.A की एक घोषणा ने मीडिया जगत में तूफान ला दिया है । विपक्षी दलों के I.N.D.I.A गठबंधन ने 14 प्रमुख समाचार एंकरों द्वारा आयोजित टेलीविजन शो के बहिष्कार की घोषणा की है। I.N.D.I.A गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक के दौरान लिए गए इस निर्णय ने प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया में राजनीतिक हस्तक्षेप पर तीखी बहस छेड़ दी है।

I.N.D.I.A गठबंधन की मीडिया उप-समिति को उन समाचार एंकरों की एक सूची संकलित करने के लिए अधिकृत किया गया था जिनके शो का विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किया जाएगा। 14 सितंबर को जारी की गई इस सूची में रिपब्लिक टीवी के अर्नब गोस्वामी, आज तक के सुधीर चौधरी और न्यूज18 के अमीश देवगन जैसे जाने-माने एंकर शामिल हैं।

बहिष्कार के फैसले को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, “हमने भारी मन से यह निर्णय लिया है। हम इनमें से किसी भी एंकर के विरोधी नहीं हैं। हम इनमें से किसी भी एंकर से नफरत नहीं करते हैं। लेकिन, हम अपने देश से अधिक प्यार करते हैं। हम अपने भारत से प्यार करते हैं।”

सूची में शामिल कुछ एंकरों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स ( भूतपूर्व ट्विटर ) पर अपनी  प्रतिक्रिया दी है। नेटवर्क 18 के अमन चोपड़ा ने टिप्पणी की, “एक पत्रकार के लिए बहिष्कार सबसे बड़ा सम्मान है। इस सम्मान के लिए धन्यवाद।”

रुबिका लियाकत ने फैसले को चुनौती देते हुए कहा, “इसे बैन करना नहीं, इसे डरना कहते हैं इसे पत्रकारों का बहिष्कार नहीं सवालों से भागना कहते हैं । ”


भाजपा ने भी बहिष्कार की आलोचना की है और इसे विपक्ष द्वारा अपने आलोचकों को चुप कराने का प्रयास बताया है । भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने एक्स पर लिखा , “घमंडिया गठबंधन में शामिल I.N.D.I.A एलायंस के दलों द्वारा पत्रकारों के बहिष्कार और उन्हें धमकाने का लिया गया निर्णय घोर निंदनीय और भर्त्सनीय है।”


न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (एनबीडीए), जो 100 से अधिक समाचार चैनलों का प्रतिनिधित्व करता है, ने कहा कि यह बहिष्कार एक “खतरनाक मिसाल” और “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए खतरा” है।

 

I.N.D.I.A गठबंधन ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि लोकतंत्र को नफरत और गलत सूचना के प्रसार से बचाना जरूरी है।

I.N.D.I.A गठबंधन के बहिष्कार ने भारत में मीडिया की स्वतंत्रता और राजनीतिक प्रभाव पर चल रही बहस में एक नया अध्याय जोड़ दिया है। इस बहिष्कार से भारत में मीडिया का और अधिक ध्रुवीकरण होने की भी संभावना है।

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