बता दें कि भारत में टोल शुल्क मुद्रास्फीति के अनुरूप सालाना संशोधित किए जाते हैं और राजमार्ग संचालकों ने स्थानीय समाचार पत्रों में सोमवार से लगभग 1,100 टोल प्लाजा पर 3% से 5% की वृद्धि की घोषणा करते हुए नोटिस दिए हैं।
NHAI के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि चुनाव प्रक्रिया समाप्त हो गई है, इसलिए उपयोगकर्ता शुल्क (Toll Rates) दरों में संशोधन किए गए हैं। इसे चुनावों के दौरान रोक दिया गया था जो अब 3 जून से प्रभावी हो रहा है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर इतना रेट
मेरठ से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे होते हुए गाजियाबाद या करनाल हाईवे होते हुए शामली तक जाने वाले वाहन चालकों पर टोल टैक्स की अधिक मार पड़ेगी। आज से मेरठ से सराय काले खां तक जाने वाले कार चालकों को काशी (परतापुर) टोल प्लाजा पर 160 रुपये की बजाय 165 रुपये शुल्क देना होगा।
बता दें कि 24 घंटे में दोनों तरफ का शुल्क 230 रुपये के स्थान पर 250 रुपये देना होगा। साथ ही मेरठ-करनाल हाईवे पर मेरठ से वाया शामली करनाल जाने के लिए वाहन चालकों पर पांच से दस रुपये का बोझ बढ़ेगा। वहीं अलग-अलग वाहन श्रेणी के लिए अलग-अलग दरें तय की गई हैं।
प्रयागराज से वाराणसी और कौशांबी से प्रतापगढ़ जाने का सफर मंहगा
प्रयागराज से वाराणसी और कौशांबी से प्रतापगढ़ जाने का सफर मंहगा हो गया है। टोल टैक्स में छोटे वाहन जैसे कार व अन्य पर पांच से सात रुपये प्रति किलोमीटर और भारी वाहनों से 25 से 30 रुपये प्रति किलोमीटर की वृद्धि की गई है।
वहीं कानपुर-प्रयागराज हाईवे के बीच सर्वाधिक टोल टैक्स बढ़ाया है। इसमें कार से जाने पर फतेहपुर के बड़ौरी टोल प्लाजा में 55 रुपये और कटोघन टोल प्लाजा में 40 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।
टोल के बढ़ने से इन्हें होगा फायदा
IRB इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स और अशोक बिल्डकॉन लिमिटेड जैसे उच्च ऑपरेटरों को टोल वृद्धि से लाभ होगा। भारत ने पिछले दशक में राष्ट्रीय राजमार्गों के विस्तार के लिए अरबों डॉलर का निवेश किया है, इसकी कुल लंबाई लगभग 146,000 किलोमीटर है, जो दूसरा सबसे बड़ा वैश्विक सड़क नेटवर्क है।