भारी बारिश की आशंका को देखते हुए जोशीमठ में अलर्ट, तैयारियों में जुटा प्रशासन
प्रदेश के तमाम इलाकों में अगले कुछ दिनों के भीतर भारी बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन जोशीमठ को लेकर अलर्ट मोड में आ गया है। प्रशासन ने भारी बारिश होने की स्थिति में लोगों को सुरक्षित स्थानों में शिफ्ट करने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है।
इस क्रम में प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि चार हजार से ज्यादा 4400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ठहराने के इंतजाम पहले ही कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया फिलवक्त राहत शिविरों में 250 परिवारों के 838 लोगों को ठहराया गया है।
गौरतलब है कि मौसम विभाग ने आगामी 23 से 27 जनवरी के बीच प्रदेश के तमाम इलाकों के साथ ही जोशीमठ और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। जोशीमठ में लगातार हो रहे भू-धंसाव के बीच भारी बारिश की चेतावनी ने प्रशासन की चुनौतियां बढ़ा दी हैं।
इस बीच जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए पीपलकोटी में जमीन चिन्हित कर ली गई है। पहले चरण में 125 से 130 प्रभावित परिवारों को यहां बसाया जाएगा।
जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) द्वारा की गई भूमि सर्वेक्षण जांच के बाद चमोली जिला प्रशासन ने पीपलकोटी में स्थायी विस्थापन के लिए दो हेक्टयर भूमि की मंजूरी दे दी है।
अब केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की द्वारा इस स्थान पर भवनों के लेआउट बनाने का काम किया जाएगा।
बीते रोज देहरादून सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि समुद्रतल से 1260 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पीपलकोटी में स्थाई विस्थापन के लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है।
उन्होंने बताया कि जोशीमठ शहर से करीब 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पीपलकोटी में करीब दो हेक्टेयर क्षेत्रफल में 125 से 130 परिवारों को बसाया जाएगा।
डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रभावितों को पक्के मकान बनाकर दिए जाएंगे, साथ ही प्राभावितों को मुआवजा लेकर खुद घर बनाने का विकल्प भी दिया जाएगा।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि ज्यादातर प्रभावित परिवार स्थाई विस्थापन के पक्ष में हैं और पीपलकोटी में चिन्हित भूमि उन्हें पसंद आई है।
डॉ. सिन्हा ने बताया कि इसके अलावा भी तीन अन्य स्थानों, कोटी फार्म, एचआरडीआई की भूमि और ढाक गांव में स्थित जमीन चयनित की गई है।
उन्होंने बताया कि कोटी फार्म स्थित उद्यान विभाग की जमीन पर पहले चरण में तीन प्री-फेब्रीकेटेड डेमोस्ट्रेशन भवन बनाए जाएंगे।
इस बीच जोशीमठ में सबसे ज्यादा खतरे की जद में आए होटल माउंट व्यू और होटल मलारी इन को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी है।
जोशीमठ में अब तक 849 भवनों में दरारें आ चुकी हैं। जिनमें से 165 से ज्यादा भवन पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए क्षेत्रों में हैं।
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