इस मंदिर में चिट्ठी लिखर मांगे मुराद, भक्तों को मिलता है इन्साफ
अगर आपको भी देवी देवताओं से जुड़ी जानकारियां पसंद है। तो ये लेख आपके लिए ही हैं। आज हम आपको बताएँगे भारत देश के उत्तराखंड राज्य के एक ऐसे मंदिर के बारे में,जहाँ चिट्ठियां लिख कर भक्त मुरादें मांगते हैं।चलिए! लिए चलते हैं आपको इस मंदिर के एक छोटे और दिलचस्प सफ़र पर। ऋग्वेद में उत्तराखंड को देवभूमि कहा गया है। यानि ऐसी भूमि जहां देवी-देवता निवास करते हैं। हिमालय की गोद में बसे इस सबसे पावन क्षेत्र को ज्ञानियों की पूर्ण कर्म भूमि कहा जाता है।
उत्तराखंड में देवी-देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं। इन मंदिरों की प्रसिद्धि भारत ही नहीं बल्कि विदेशों तक फैली हुई है। और आज आपको इन्हीं में से एक मंदिर गोलू देवता के बारे में बताएँगे, जिनको स्थानीय मान्यताओं में न्याय का देवता भी कहा जाता है, और जहाँ चिट्ठी लिख कर मांगी जाती हैं मुरादें।
उत्तराखंड को देवभूमि जिला मुख्यालय अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर न्याय के देवता कहे जाने वाले गोलू देवता का मंदिर स्थित है, इसे चितई ग्वेल भी कहा जाता है।सड़क से चंद कदमों की दूरी पर ही एक ऊंचे तप्पड़ में गोलू देवता का भव्य मंदिर बना हुआ है। मंदिर के अन्दर घोड़े में सवार और धनुष बाण लिए गोलू देवता की प्रतिमा स्थापित है। यह मंदिर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक भगवान और शिव के अवतार गोलू देवता को समिर्पत है। ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण चंद वंश के एक सेनापति ने 12वीं शताब्दी में करवाया था।
आपको बता दें कि गोलू देवता चंद राजा, बाज बहादुर की सेना के एक जनरल थे, और किसी युद्ध में वीरता प्रदर्शित करते हुए उनकी मृत्यु हो गई थी। और उनके सम्मान में ही अल्मोड़ा में चितई मंदिर की स्थापना की गई। पहाड़ी पर बसा यह मंदिर चीड़ और मिमोसा के घने जंगलों से घिरा हुआ है। और हर साल भारी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं।
इस मंदिर की मान्यता ना सिर्फ देश बल्कि विदेशो तक में है| इसलिए इस जगह पर दूर दूर से पर्यटक और श्रदालु आते है। इस मंदिर में प्रवेश करते ही यहाँ की अनगिनत घंटिया आकर्षण का केंद्र हैं।कई टनों में मंदिर के हर कोने कोने में देखने वाले इन घंटे घंटियों की संख्या कितनी है, ये आज तक मंदिर के लोग भी नहीं जान पाए| आम लोग के द्वारा इसे घंटियों वाला मंदिर भी पुकारा जाता है| जहा कदम रखते ही घंटियों की पंक्तियाँ शुरू हो जाती है।
इस मंदिर कि सबसे दिल्चप्स बात ये है कि यहाँ मनोकामना पूर्ण होने के लिए भक्तो के द्वारा अनेक अर्ज़िया लगायी जाती है| क्योंकि माना जाता है कि जिन्हें कही से न्याय नहीं मिलता है, वो गोलू देवता की शरण में पहुचते है|चितई गोलू मंदिर में भक्त मन्नत मांगने के लिए चिट्ठी लिखते हैं। और कई लोग तो स्टांप पेपर पर लिखकर अपने लिए न्याय मांगते हैं, क्युकी गोलू देवता को “ न्याय का देवता ” माना जाता है |इस मंदिर में आते ही एल अलग अनुभव महसूस होता है।