पैट्रोलियम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में अव्यवस्थाएं रही हावी, आभिभावकों ने लगाए गंभीर आरोप
प्रदेश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान ‘पेट्रोलियम और ऊर्जा अध्ययन विश्वविद्यालय’ (UPES) का 20 वां दीक्षांत समारोह बीते रोज आयोजित किया गया। इस समारोह में 599 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई जिनमें से 11 को गोल्ड मेडल, 65 को सिल्वर और 14 को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। साथ ही प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉक्टर धन सिंह रावत भी समारोह में शामिल हुए, लेकिन इतने बड़े स्तर के आयोजन में अव्यवस्थाएं पूरी तरह से हावी रहीं।
तमाम अभिभावकों ने अव्यवस्थाओं को लेकर नाराजगी जताई और विश्वविद्यालय प्रबंधन पर उनके साथ उचित व्यव्हार न करने के आरोप भी लगाए। दीक्षांत समारोह में पहुंचे लोगों की गाड़ियों के लिए पार्किंग की व्यवस्था समारोह स्थल से काफी पहले की गई थी, जिसके चलते लोगों को, खास कर बुजुर्ग अभिभावकों को काफी परेशानियां हुई। यही नहीं, अभिभावकों का कहना है कि समारोह स्थल में भी बैठने के उचित इंतजाम नहीं थे। नाराज अभिभावकों का कहना था कि प्लास्टिक फ्री जोन बताए जाने के बाद भी समारोह स्थल पर प्लास्टिक की बोतलों से पानी बांटा जा रहा था।
अभिभावकों ने आरोप लगाया कि दीक्षांत समारोह जितना भव्य आयोजित किया गया था विश्वविद्यालय की व्यवस्थाएं उतनी ही खराब रहीं।
इसके अलावा अभिभावकों ने विश्वविद्यालय की गोल्ट और सिल्वर मेडल घोषित करने की चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। उनका कहना है कि अलग-अलग स्ट्रीम्स का एक ही ग्रुप बनाया गया था जिसमें ग्रुप में एक स्ट्रीम के टॉपर को गोल्ड और अन्य स्ट्रीम्स के टॉपर्स को सिल्वर और प्रशस्ति पत्र दिया गया। अभिभावकों का आरोप है कि गोल्ड मेडल धारक और सिल्वर मेडल धारक छात्रों के बीच कई ऐसे विद्यार्थी थे जिनके अंक सिल्वर मेडल हासिल करने वालों से ज्यादा थे लेकिन उन्हें पुरस्कार के लिए चयनित नहीं किया गया। अभिभावकों के आरोपों को लेकर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार मनीष मदान से संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
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