केदारनाथ में बेजुबान घोड़े-खच्चरों की लगातार हो रही है मौत
देहरादून-वो कहते हैं न “जीव जंतुओ की जब करोगे रक्षा तभी होगी पर्यावरण की रक्षा” ऐसा ही कुछ केदारनाथ में देखने को मिल रहा है। बात अगर सरकार की करे तो श्रद्धालुओं के लिए सभी व्यवस्थाएं है। लेकिन यहाँ केदारनाथ के हालत देखर हकीकत कुछ और ही बयां हो रही है। अगर हकीकत देखेंगे तो उनमें तमाम बेजुबान घोड़े और खच्चरों की लाश केदारनाथ में दिखाई देंगी जिनका न ठिकाना है और न इनके लिए कोई जगहे जो कि यहां वहां पड़ी हुई हैं। जिनके लिए न तो उनके मालिक सोच रहे हैं और ना ही सरकार। यह बेजुबान जानवर रोजाना केदारनाथ की चढ़ाई करते हैं, बोझ उठाते हैं और अपनी क्षमता से अधिक कार्य करते हैं और उसके बाद ठीक से खाना और पानी ना मिलने के कारण मर जाते हैं। लेकिन इस गम्भीर बात पर कोई ध्यान नहीं देता। देखा जाए तो केदारनाथ में केवल और केवल श्रद्धालुओं की फिक्र होती है। केदारनाथ जैसे पवित्र धार्मिक स्थल को कारोबारियों ने चंद पैसे कमाने के लिए धंधा बना दिया है। जिसकी वजहे से यहां पर जानवरों की जान के साथ भी व्यापार किया जा रहा है। अब तक लगभग 23 दिन में 400 से अधिक घोड़ा-खच्चर की मौत हो चुकी है। बताया जा रहा है कि घोड़ा-खच्चर की मौत तेज पेट दर्द (शूल), पानी की कमी, बर्फीला पानी पीने और अधिक कार्य लिए जाने से हो रही है।