उत्तराखंड राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की 86वीं बैठक में बैंकों को दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश
उत्तराखंड राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 86वीं बैठक का आयोजन गुरुवार को उत्तराखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव, आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में किया गया। इस अवसर पर,बर्द्धन ने "स्टेट लेवल बैंकिंग प्लान ऑन गोट फार्मिंग" नामक पुस्तिका का विमोचन किया।
उत्तराखंड राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 86वीं बैठक का आयोजन गुरुवार को उत्तराखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव, आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में किया गया। इस अवसर पर,बर्द्धन ने “स्टेट लेवल बैंकिंग प्लान ऑन गोट फार्मिंग” नामक पुस्तिका का विमोचन किया।
इस दौरान, अपर मुख्य सचिव ने केंद्र और राज्य सरकारों के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न ऋण संबंधित योजनाओं के तहत बैंकों और संबंधित विभागों के बीच समन्वय की महत्वपूर्ण जरूरत को बताया। उन्होंने आगामी समय में लोगों को सही समय पर ऋण प्रदान करने के लिए सभी बैंकों को आग्रह किया और सभी लंबित ऋण आवेदनों को तय समय पर समाप्त करने की दिशा में निर्देश दिया। उन्होंने बैंकों को विभिन्न योजनाओं के तहत ऋण आवेदनों को निष्तारित करने में बैंक, बैंक सखी, और विभाग का सहयोग करने की सलाह दी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि बैंकों को अपने क्षेत्रों में नॉन-डिपेंडेंसी कल्चर का पालन करने के लिए अपने ऋण आवेदन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिया कि जो भी ऋण आवेदन पत्र बैंकों द्वारा अस्वीकारित किए गए हैं, उन्हें पुनः जांच किया जाना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव ने बैंकों से कहा कि वे अनुचित कारणों से ऋण आवेदन पत्रों को निरस्त नहीं करें, बल्कि त्रुटियों को दूर करने के लिए आवेदकों से संपर्क करें और ऋण आवेदन पत्रों को पूरा करने में मदद करें। उन्होंने कहा की रोजगार सृजन ऋण योजनाओं , जिसके तहत लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाते है, पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
उन्होंने सरकारी योजनाओं के अंतर्गत जैसे प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना, एन.यु.एल.एम, पंडित दीनदयाल उपाध्याय गृह आवास (होम स्टे) योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, और पीएम स्वानिधि योजना के निर्धारित लक्ष्यों को शीघ्र पूरा करने की सलाह दी।
उन्होंने यह भी कहा कि स्टीयरिंग सब कमेटी, ग्रामीण विकास बैंकर्स स्थाई समिति और अन्य स्थापना विकास बैंकर्स स्थाई समितियों की बैठकों को नियमित रूप से तय समय पर आयोजित करना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव ने यह भी सुझाव दिया कि बैंकों को स्थानीय स्तर पर भी प्रशासन से समन्वय करना चाहिए और जिन जिलों में ऋण जमा अनुपात कम हो, वहां सभी जिलों में ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के लिए क्रेडिट आउटरीच कैंपों का आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने बैंकिंग सेवाओं को अनाच्छादित क्षेत्रों में भी शीघ्र उपलब्ध कराने का सुझाव दिया और अधिकाधिक खाताधारकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और जन सुरक्षा योजनाओं के लिए आच्छादित करने की सलाह दी।
इस बैठक में सचिव दिलीप जावलकर, अपर सचिव ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप, अपर सचिव पर्यटन पूजा गर्ब्याल, अपर सचिव नितिन भदौरिया, क्षेत्रीय निदेशक आरबीआई लता विश्वनाथन, मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड विनोद कुमार बिष्ट, पंकज गुप्ता अध्यक्ष इन्डस्ट्रीज एसोसियेशन ऑफ उत्तराखंड, मुख्य महाप्रबंधक एसबीआई कल्पेश कृष्णकांत अवासिया, महाप्रबंधक एसबीआई दिगविजय सिंह रावत और विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।