उत्तराखंडधर्म-संस्कृति

करवाचौथ पर हुई अवकाश की घोषणा, असमंजस में महिलाएं

करवा चौथ के लिए किया गया छुट्टी का आदेश चर्चाओं का विषय बन गया है। छुट्टी सभी महिलाओं के लिए है या केवल शादीशुदा महिलाओं के लिए।

सालभर में एक ऐसा व्रत आता है जो पत्नी अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती है. जिसे करवा चौथ के नाम से जाना जाता है. करवा चौथ का शुभ त्योहार इस साल 2023 में 1 नवंबर को है। नॉर्थ इंडिया में इसे करक चतुर्थी या करवा चौथ के नाम से जाना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस त्योहार के दौरान चंद्रमा निकलने तक निर्जला व्रत रखती है। महिलाएं मिट्टी के बर्तन जिसे करवा कहते हैं, उससे चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाती हैं या पानी पीती हैं।

करवा चौथ पूजा का मुहूर्त:

करवा चौथ का इतिहास और चांद निकलने का समय दरसल ट्रिक पंचांग के अनुसार करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5:36 बजे से शाम 6:54 बजे तक है। चंद्रोदय का समय रात 8:15 बजे है। इस बीच चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:30 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर को रात 9:19 बजे समाप्त होगी।

सभी विवाहित स्त्रियां साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और इसकी सभी विधियों को बड़े श्रद्धा भाव से पूरा करती हैं। करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है।

 

करवाचौथ की छुट्टी को लेकर असमंजस :

करवा चौथ की छुट्टी को लेकर शासन के द्वारा शासन के द्वारा किए गए आदेश को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है दरअसल कल करवा चौथ को लेकर जारी किए छुट्टी के आदेश में शासन के द्वारा एक तरफ सार्वजनिक अवकाश लिखा गया है तो वही दूसरी तरफ महिलाओं को ही अवकाश देने का जिक्र किया गया है चर्चा इस बात को लेकर भी हो रही है कि आदेश में यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि आखिरकार छुट्टी विवाहित महिलाओं की है या अविवाहित महिलाओं को भी अवकाश दिया गया है सार्वजनिक अवकाश की परिभाषा भी स्पष्ट नहीं हो रही है।। जिसको लेकर कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button