Himalaya Day 2022: हिमालय का संरक्षण जरुरी, सीएम ने की मॉनिटरिंग टीम गठित करने की घोषणा

ऋषिकेश: हिमालय दिवस के मौके पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया. इस मौके पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और पद्मश्री डॉ. अनिल जोशी ने कार्यक्रम की जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि इस साल हिमालय दिवस की ‘थीम हिमालय एक जलवायु नियंत्रक’ रखी गई है। हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के साथ ही हिमालय जैव विविधता का अकूत भंडार भी है। हिमालय केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए हिमालय का संरक्षण बेहद जरुरी है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों को संतुलित रूप से लेना है। मौसम चक्र में लगातार बदलाव हो रहा है, वनस्पतियां विलुप्त होने के कगार पर हैं। इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव हो रहा है, प्राकृतिक आपदाएं बढ़ रही हैं। हिमालय क्षेत्र में आने वाली आपदाओं का प्रभाव पूरे देश पर पड़ता है। हिमालय दिवस के अवसर पर हम सब को शुद्ध मन से ये मानना होगा कि हिमालय को बचाने के लिए हम सब कुछ करने के लिए तैयार रहेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय सुरक्षा, नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी गठित करने की घोषणा की है. कमेटी सर्वे करने के बाद जो भी रिपोर्ट बनाकर सरकार को सौंपेगी. उसके आधार पर हिमालय संरक्षण के साथ पर्यावरण संरक्षण नदियों और जल स्रोतों के पुनर्जीवन के लिए सरकार विशेष रूप से काम करेगी. जल्दी ही हिमालय से लगते हुए राज्यों के मुख्यमंत्रियों को हिमालय संरक्षण की दिशा में बेहतर कदम उठाने के लिए आमंत्रित किया जाएगा. साथ ही एक बड़ा सम्मेलन आयोजित कर इस संबंध में गहन विचार-विमर्श होगा.

वन एवं पर्यावरण मंत्री उत्तराखंड सुबोध उनियाल ने कहा कि गंगा के तट से हिमालय को बचाने की मुहिम शुरू हो रही है, जो जरूर सफल होगी। वन विभाग की नीतियों में भी हम आमूलचूल परिवर्तन करने जा रहे हैं। जंगल के अस्तित्व को बचाते हुए हिमालय के अस्तित्व को बचाने का हम काम करेंगे।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परमार्थ निकेतन में चल रही राम कथा को भी सुना. आयोजकों ने मुख्यमंत्री को हनुमान की गदा भेंट कर उन्हें एकल हनुमान की उपाधि से भी नवाजा. कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व राज्यपाल उत्तराखंड और वर्तमान उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल, विधायक यमकेश्वर रेनू बिष्ट, विधायक थराली गोपालराम टम्टा, परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष चिदानंद मुनि महाराज उपस्थित रहे।

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