अंकिता और छावला हत्याकांड : हरदा का मोदी-धामी सरकार पर हमला, लचर पैरवी का लगाया आरोप
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली के छावाला में हुई उत्तराखंड की बेटी की हत्या के आरोपियों के बरी हो जाने और अंकिता हत्याकांड को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला है।
उन्होंने इन दोनों मामलों में केंद्र और राज्य की धामी सरकार पर लचर पैरवी करने का आरोप लगाया है। नई दिल्ली के प्रेस क्लब में आयोजित प्रवासी उत्तराखंडयों के एक कार्यक्रम में हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड को झकझोर देने वाले इन दोनों हत्याकांडों में केंद्र और राज्य, दोनों सरकारों का अब तक का रवैया बेहद निराशाजनक रहा है।
उन्होंने कहा कि बहुत जल्द कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल इन दोनों मामलों को लेकर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रीजीजू से मिलेगा।
अंकिता भंडारी हत्याकांड को लेकर धामी सरकार पर बरसते हुए हरीश रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार इस मामले में न तो सीबीआई जांच कराने की मांग को लगातार अनसुना कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकरण के मुख्य गुनाहगारों को सजा देने के लिए उनका नाम तक उजागर नहीं किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय की देखरेख में सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए।
अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश के सांसदों से आगामी आठ दिसंबर से शुरू हो रहे संसद सत्र में छावाला और अंकिता हत्याकांड को उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी घटनाओं पर सांसदों का मूकदर्शक बने रहना, उत्तराखंड की जनता के लिए चिंता का विषय है।
इस दौरान हरीश रावत ने हाल ही में खत्म हुए विधानसभा सत्र को लेकर भी धामी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर जवाब देने से बचने के लिए सरकार ने सात दिन के सत्र को दो दिन में निपटा दिया।
हरीश रावत ने कहा कि विधानसभा का सत्र इस तरह खत्म करना अच्छी राजनीति नहीं है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान सभी मुद्दों पर पर्याप्त चर्चा की जानी चाहिए थी लेनिक धामी सरकार ने सवालों से बचने के लिए सत्र को दो दिन में ही निपटा दिया।
इस कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत, कुशाल जीना, सुनील कुमार, प्रमोद शर्मा, देवेंद्र सिंह रावत, श्रीकांत भाटिया, अनिल पंत आदि शामिल थे।
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