उत्तराखंड के चम्पावत जिले में पर्यटन के क्षेत्र में एक नई पहचान की शुरुआत हो रही है। इस जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक अद्वितीय प्रकार की उड़ान भरने की तैयारी है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने इस योजना के सफल ट्रायल को पूरा कर लिया है ।
उत्तराखंड के चम्पावत जिले में जायरोकॉप्टर सेवा शुरू होने की तैयारी है। उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने इसका सफल ट्रायल भी कर लिया है। चंपावत क्षेत्र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विधानसभा क्षेत्र है।
चम्पावत में चाय के बागान के अलावा, इको हट्स और मायावती आश्रम पर्यटकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। यहां शारदा नदी में रिवर राफ्टिंग भी होती है। अब यहां हवाई पर्यटन को बढ़ावा देने की तैयारी चल रही है जिसके लिए जायरोकॉप्टर सेवा शुरू की जाएगी।
उत्तराखंड में पहली दफा चम्पावत जिले से जायरोकॉप्टर पर उड़ान भरी जाएगी । नायकगोठ के मिनी मैदान को जायरोकॉप्टर के लिए अनुकूल पाया गया है।
जायरोकॉप्टर में एक बार में केवल एक यात्री सवार हो सकता है और यह ईंधन से चलता है, जिसकी खपत लगभग 15-20 लीटर प्रति घंटे के बीच होती है। जायरोकॉप्टर करीब 15,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है और सैकड़ों किमी की दूरी तय करने की क्षमता रखता है।
जिला पर्यटन विकास विभाग के मुताभिक जायरोकॉप्टर का ट्रायल सफल हो चुका है, जल्द ही दूसरा ट्रायल भी होगा। जमीन मिलने के बाद टनकपुर में जायरोकॉप्टर चलाने की तैयारी है।
जायरोकॉप्टर सेवा से होने वाले लाभ
- चंपावत जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
- स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- पर्यटक चंपावत के प्राकृतिक सौंदर्य को आसमान से देख सकेंगे।
जायरोकॉप्टर सेवा की शुरुआत के लिए आवश्यक तैयारियां
- जायरोकॉप्टर के लिए उचित स्थान का चयन करना होगा।
- पायलट और अन्य कर्मियों की भर्ती करनी होगी।
- सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी होगी।
उम्मीद है कि जायरोकॉप्टर सेवा की शुरुआत से चंपावत जिले में पर्यटन को और बढ़ावा मिलेगा।