क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट : छोटे अस्पतालों को राहत देने की तैयारी में सरकार

देहरादून।उत्तराखंड में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू कराने को लेकर इन दिनों प्रदेश सरकार मशक्कत में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक राज्य सरकार 50 बेड के कम क्षमता वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम को राहत देने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि सरकार ने इस संबंध में एक्ट में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी थी, जिस पर केंद्र ने ग्रीन सिग्नल दे दिया है।सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा छोटे अस्पतालों को छूट देने के लिए एक्ट में छूट का खाका तैयार किया जा रहा है। पूरा खाका तैयार करने के बाद छूट संबंधी प्रस्ताव को कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। सरकार की इस पहल से प्रदेश भर में सैकड़ों छोटे अस्पतालों को राहत मिलने की उम्मीद है।

गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा सरकार से प्रदेश के छोटे अस्पतालों को एक्ट में छूट देने की मांग की जाती रही है। 10 बेड से आईएमए उत्तराखंड के महासचिव डॉ. अजय खन्ना का कहना है कि क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट में 10 से लेकर 200 बेड की क्षमता वाले अस्पतालों के लिए समान मानक हैं। उन्होंने कहा कि 50 बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों और नर्सिंग होम को एक्ट के मानकों को पूरा करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं लिहाजा उनके लिए मानकों में ढील दी जानी जरूरी है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने एक्ट में छूट देने का आश्वासन दिया है।

  उनका कहना है क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट के मानकों के लेकर छोटे अस्पतालों के सामने कई तरह की दिक्कतों को देखते हुए केंद्र सरकार से एक्ट में छूट देने पर सुझाव मांगा गया था जिस पर केंद्र ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार एक्ट में छूट दे सकती है। ऐसे में प्रदेश सरकार छोटे अस्पतालों व क्लीनिकों को छूट देने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है।

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