Google Bard: गूगल ने बार्ड के नाम पर मैलवेयर फैलाने वाले साइबर ठगों पर मुकदमा किया
गूगल ने बार्ड के नाम पर मैलवेयर फैलाने वाले साइबर ठगों पर मुकदमा किया है। ये ठग गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट Bard की आड़ में लोगों को गुमराह कर रहे थे और लोगों के सिस्टम में Bard के नाम पर मैलवेयर इंस्टॉल करवा रहे थे।
गूगल के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चैटबॉट Bard के नाम पर गूगल को हमला करने वाले पांच साइबर ठगों के खिलाफ गूगल ने कैलिफोर्निया में मुकदमा दर्ज किया है। इन साइबर ठगों ने गूगल के बार्ड के नाम पर फेसबुक प्रोफाइल बनाए और लोगों को धोखा देकर उनके सिस्टम में मैलवेयर इंस्टॉल करवाया।
गूगल के ब्लॉग पोस्ट में कहा गया है कि इन साइबर ठगों की पहचान पूरी तरह से नहीं हो पाई है, लेकिन उनकी फेसबुक प्रोफाइल मिली है जिसका नाम Google AI, AIGoogle, AiGoogle, AIGoogle.Plus, AIGoogle Bard FB और AIGoogleBard है। इन फेसबुक प्रोफाइल के आधार पर ही मुकदमा हुआ है और गूगल ने इन पर अपना ट्रेडमार्क और लोगो इस्तेमाल करने को लेकर भी मुकदमा किया है।
इस मामले में स्कैमर्स ने लोगों को बार्ड का फर्जी वर्जन डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया और इसके साथ ही वायरस को सिस्टम में पहुंचाया। इस मैलवेयर की मदद से ठगों ने उपयोगकर्ताओं के सोशल मीडिया अकाउंट का एक्सेस भी प्राप्त किया।
गूगल का मुकदमा एक सावधानीपूर्ण संकेत है कि आने वाले समय में एआई के उपयोग से और भी कई ऐसे मामले सामने आ सकते हैं, जहां साइबर ठग लोगों को धोखा देने का प्रयास करेंगे।
गूगल ने इन साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा करने के साथ-साथ उनके खिलाफ ट्रेडमार्क और लोगो के इस्तेमाल करने को लेकर भी कानूनी कदम उठाए हैं। इसके अलावा, गूगल ने एक और मुकदमा दायर किया है जिसमें दावा किया गया है कि दो व्यक्तियों ने कॉपीराइट उल्लंघन के हजारों फर्जी नोटिस जमा करने के लिए कम-से-कम 65 Google अकाउंट बनाए हैं।
गूगल ने बताया है कि वियतनाम स्थित इस अपराधी समूह ने उपयोगकर्ताओं को बार्ड का ‘अप्रकाशित’ संस्करण डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिसके बाद उन्होंने मैलवेयर फैलाने का प्रयास किया।
गूगल ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि वह पहले ही इन स्कैमर्स के खिलाफ लगभग 300 निष्कासन अनुरोध सबमिट कर चुका है, लेकिन उन्हें भविष्य में ऐसे लोगों को दुर्भावनापूर्ण डोमेन स्थापित करने से रोका जाए और उन्हें यूएस डोमेन रजिस्ट्रार के साथ अक्षम कर दिया जाए इसलिए अब गूगल कानूनी मदद ले रहा है।