50 बेड से कम वाले अस्पतालों के लिए खुशखबरी : सरकार कर रही है ये प्लान

क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी एवं योगा चिकित्सा पद्धति से सम्बंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक, सेनेटोरियम, एवं लेबोरेट्री (जाँच केंद्र) को पंजीकरण करना अनिवार्य है।

उत्तराखंड के छोटे अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट से राहत देने की तैयारी चल रही है । जिसके लिए एक बनाई जाएगी ।  कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही न्याय विभाग के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। राज्य सरकार पचास बेड से कम के अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट से छूट पर विचार कर रही है।

क्या है क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट ?

 क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत एलोपैथी, आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी, सिद्धा, नेचुरोपैथी एवं योगा चिकित्सा पद्धति से सम्बंधित अस्पताल, मैटरनिटी होम, नर्सिंग होम, डिस्पेंसरी, क्लिनिक, सेनेटोरियम, एवं लेबोरेट्री (जाँच केंद्र) को पंजीकरण करना अनिवार्य है।

 कैसे करेगी कमेटी काम ?

यह कमेटी सभी पहलुओं का अध्ययन करके ऐक्ट में बदलाव का तरीका सुझाएगी। सूत्रों ने बताया कि पूर्व में हरियाणा सरकार भी एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में बदलाव कर पचास बेड से कम क्षमता वाले अस्पतालों को छूट दे चुकी है। ऐसे में उत्तराखंड की कमेटी ऐक्ट में बदलाव की हरियाणा की व्यवस्था को भी परखेगी।

ऐक्ट की वजह से राज्य में करीब 120 डॉक्टर अपना अस्पताल बंद करने की सूचना, विभिन्न सीएमओ को दे चुके हैं, जो की वाकई चिंता का विषय है । ये अस्पताल कोरोनाकाल में रजिस्ट्रेशन रिन्यू नहीं करा पाए थे, इस पर स्वास्थय  विभाग एक्ट के अनुसार उन पर सौ रुपये रोज के हिसाब से जुर्माना लगा चुका है। राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि 50 बेड से कम वालें अस्पतालों को क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट से छूट की राह तलाशी जा रही है।

कितने अस्पताल हैं उत्तराखंड में ?

 उत्तराखंड में कुल करीब 15 हजार अस्पताल और क्लीनिक हैं। इनमें से पांच हजार अस्पताल व क्लीनिक पचास बेड से कम क्षमता वाले हैं। ये अस्पताल लंबे समय से एस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट से छूट की मांग कर रहे हैं।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button