George Everest के स्थानीय लोग अपने ही क्षेत्र में हुए बेगाने
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून(dehradun) में मौजूद फेमस पर्यटन स्थल जार्ज एवरेस्ट आजकल सुर्खियों में हैं। जार्ज एवरेस्ट का संचालन पर्यटन विभाग ने एक निजी कंपनी को दे दिया है। कंपनी ने वहां जाने वाले मार्ग पर बैरियर लगा दिया है। स्थानीय लोग बैरियर का विरोध कर रहे हैं और प्रवेश नि शुल्क देने की मांग उठा रहे हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून(dehradun news) में मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट(george everest) में प्रवेश और पार्किंग के नाम पर शुल्क लेने का मामला भविष्य में आने वाली गंभीर समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है। निजी कंपनी ने जॉर्ज एवरेस्ट में मौजूद स्थानीय लोगों के घरों के चारों ओर जाल लगा दिए है जिसके चलते लोग कहीं बाहर जाने में भी असमर्थ हैं।
विपक्षी नेता ने सरकार को दी चेतावनी
आप के जिला प्रवक्ता जय प्रकाश राणा ने जॉर्ज एवरेस्ट में प्रवेश शुल्क के मामले को लेकर आक्रोश जताया है। उन्होंने सरकार पर एक के बाद एक निशाने साधे और कहा कि हमारे क्षेत्र में हम ही बेगाने हो गए है। उन्होंने जॉर्ज एवरेस्ट के स्थानीय लोगों के हक की बात करते हुए सरकार की रोजगार देने की बात पर तंज कसा है। सरकार के इस कार्य को ही जय प्रकाश राणा ने लोगों के पलायन करने का कारण भी बताया है। जय प्रकाश राणा ने सरकार को चेतावनी दी है और इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाने की सलाह दी है।
निजी कंपनी का जमीन पर कब्जा
जार्ज एवरेस्ट का संचालन पर्यटन विभाग ने एक निजी कंपनी को दे दिया है। जॉर्ज एवरेस्ट को जाने वाले रास्ते पर निजी कंपनी का क़ब्ज़ा होने की बात सामने आई है। साथ ही कंपनी जॉर्ज एवरेस्ट के स्थानीय निवासियों और व्यापारियों से भी आने-जाने का शुल्क वसूलने लगी है। ऐसे में वहां मौजूद दुकानदारों के व्यापार पर गहरा असर पड़ रहा है। इतना ही नहीं वही के बुजुर्ग स्थानीय निवासी ने निजी कंपनी पर उनकी जमीन हथियाने का आरोप भी लगाया है।
जहां एक ओर राज्य सरकार प्रदेश में रोजगार लाने और पलायन रोकने की बात कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर शासन प्रशासन द्वारा लिए गए निर्णय कुछ और ही कहानी बयां कर रहे ।