Gautam Gambhir: लोकसभा चुनाव से पहले ही राजधानी में सियासी गलियारों में उथल-पुथल देखने को मिल रही है। खबर आ रही है पूर्वी दिल्ली में हुए राजनीतिक फैर बदल से, पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir)ने राजनीतिक करियर से यू-टर्न ले लिया है। इसकी जानकारी गौतम गंभीर ने सोशल मीडिया ऐप एक्स पर एक पोस्ट लिखकर दी है। जिसमें उन्होंने बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को राजनीति छोड़ने की जानकारी दी है। इसके साथ ही गौतम गंभीर ने पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को उन्हें लोगों की सेवा करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद भी किया है।
क्या टिकट कटने की आशंका से लिया फैसला?
राजनीति में यदि कोई भी नेता कोई फैसला लेता है तो उसको लेकर बहुत से कयास लगाए जाते है। हालांकि गौतम गंभीर ने राजनीति छोड़ने का ये फैसला अपनी मर्जी से ही लिया है। साथ ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में यह साफ-साफ लिखा है कि वह राजनीति छोड़ना चाहते है और अपनी क्रिकेट की कमिटमेंट पर ध्यान देना चाहते है। लेकिन इसके बावजूद भी यह बात भी सामने आ रही कि शायद गौतम गंभीर को टिकट न मिलने की आशंका थी। इससे पहले यह सब सार्वजनिक होता उससे पहले ही उन्होंने खुद से ही राजनीति से ही यू-टर्न ले लिया।
गौतम गंभीर का राजनीतिक करियर कैसा रहा?
गौतम गंभीर ने साल 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। इसके बाद तुरंत एक साल बाद यानी 2019 में वह क्रिकेट की पिच छोड़ राजनीति की पिच पर उतर आए थे। साल 2019 में गौतम गंभीर ने बीजेपी की पिच पर खेलने का फैसला लिया और पार्टी में शामिल हो गए थे। उसी साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया था। जिसमें पूर्वी दिल्ली से गौतम गंभीर का नाम उम्मीदवार के तौर पर सलेक्ट किया गया था। चुनाव में गौतम गंभीर पार्टी की उम्मीद पर खरे उतरे और चुनाव में जीत हासिल की। इस चुनाव में गौतम गंभीर के विपक्ष में आतिशी मार्लेना और कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली थे।
आप सरकार को सफाई के मामले पर घेरते थे गंभीर
गौतम गंभीर दिल्ली के आप सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार को लगातार टारगेट करते थे । दिल्ली की साफ-सफाई के मुद्दे पर आप सरकार को घेरते रहे हैं। गंभीर को अक्सर ही पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल पर जाते हुए देखा गया है और वह उसकी सफाई की मांग उठाते रहे हैं। उन्होंने कोविड महामारी के समय अपनी दो साल की सांसद की सैलरी भी डोनेट की थी। वह अक्सर ही सदन में होने वाली चर्चा के दौरान भी नजर आते हैं। हालांकि, कई बार वह अपनी क्रिकेट कमिटमेंट को लेकर भी विवादों में रहे हैं।