दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन 8 सितंबर, 2023 से देश की राजधानी नई दिल्ली में शुरू होने वाला है। यह वार्षिक सम्मेलन वैश्विक चुनौतियों पर विचार-विमर्श और रणनीति बनाने के लिए दुनिया की 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं को एक साथ लाएगा ।
शिखर सम्मेलन के एजेंडे में डिजिटल ट्रैन्स्फर्मैशन , क्लाइमिट फाइनैन्स , सतत विकास लक्ष्य (SDGs), और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सम्मेलन में वार्ता की चर्चा में चल रहे रूस-यूक्रेन संघर्ष के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों, और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मजबूत करने के इर्द-गिर्द घूमने की भी संभावना है।
आइए देखें कि विश्व के कौन से नेता इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेंगे और किसने इससे इनकार कर दिया है ।
इन नेताओ की G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की पुष्टि हो गई है
- संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए हामी भर दी है । राष्ट्रपति जो बिडेन न केवल सम्मेलन में भाग लेंगे बल्कि वह शिखर सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय चर्चा में भी शामिल होंगे।
- चीन: प्रधानमंत्री ली कियांग जी20 शिखर सम्मेलन में चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे । चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सम्मेलन में भाग लेने में अपनी असमर्थता जताई है । 2008 में जी20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत के बाद से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की जी20 में यह पहली अनुपस्थिति है।
- यूनाइटेड किंगडम: ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पदभार ग्रहण करने के बाद भारत की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा करने के लिए तैयार हैं और जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे।
- ऑस्ट्रेलिया: भारत-प्रशांत क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारत आ रहे है ।
- कनाडा: प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन में वो यूक्रेन के लिए वैश्विक समर्थन पर जोर देंगे।
- जर्मनी: चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने रूस और चीन की अनुपस्थिति के बावजूद जी20 शिखर सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है ।
- जापान: प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे । उसके द्वारा यूक्रेन संघर्ष के संबंध में रूस की आलोचना करने की उम्मीद की जा रही है ।
- दक्षिण कोरिया: उत्तर कोरिया के मिसाइल उकसावों और परमाणु खतरों को संबोधित करने के लिए राष्ट्रपति यूं सुक-येओ नई दिल्ली में मौजूद रहेंगे ।
- फ्रांस: राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे।
- सऊदी अरब: क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने की उम्मीद है हालाकी उनकी तरफ से इसकीआधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है ।
- दक्षिण अफ्रीका: राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए पूर्ण समर्थन व्यक्त किया है और इसमें भाग लेने के लिए वह दिल्ली आ रहे है ।
- बांग्लादेश: भारत द्वारा आमंत्रित पर्यवेक्षक के रूप में प्रधानमंत्री शेख हसीना के शामिल होने की संभावना है।
- तुर्की: राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन जलवायु परिवर्तन समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आ रहे है ।
- अर्जेंटीना: राष्ट्रपति अल्बर्टो फर्नांडीज ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है।
- नाइजीरिया: राष्ट्रपति बोला टीनुबू अपने देश में विदेशी निवेश और ढांचागत विकास को बढ़ावा देने संबंधी अपने लक्ष्य के साथ नई दिल्ली आ रहे है ।
यह नेतागण G20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे
- रूस: यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए आईसीसी द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के चलते राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन G20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सम्मेलन में रूस का प्रतिनिधित्व करेंगे ।
- यूरोपीय संघ: यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल G20 शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे ।
- मेक्सिको: राष्ट्रपति एंड्रेस मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर के जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की संभानवा है ।
इन नेताओं को पुष्टि का इंतजार
- इटली: इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी की उपस्थिति को लेकर अभी तक स्थिती स्पष्ट नहीं है।
- इंडोनेशिया: शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जोको विडोडो की उपस्थिति की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
आमंत्रित अतिथि देश और संगठन
भारत ने G20 सदस्य देशों के अलावा कई अतिथि देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को निमंत्रण दिया है। इनमें बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं। जी20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र (UN), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO), और आर्थिक सहयोग और विकास संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन (OECD) का भी प्रतिनिधित्व किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA), आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI), और एशियाई विकास बैंक (ADB) को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है।