पूर्व सीएम हरीश रावत और हरक सिंह रावत ने लाठीचार्ज को बताया षडयंत्र
देहरादून में धरने पर बैठे छात्रों पर पुलिस द्वारा हुए लाठीचार्ज के बाद सरकार के खिलाफ विपक्ष के प्रहार जारी हैं। विपक्ष लगातार सरकार को घेरने में लगा हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इसे सोची समझी साजिश करार दिया है।
दोनों नेताओं का कहना है कि सरकार ने बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को बदनाम करने के लिए सुनियोजित तरीके से लाठीचार्ज कराया।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि छात्रों के आंदोलन में अगर असामाजिक तत्व थे। तो वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग थे। छात्रों के आंदोलन को खत्म करने के लिए भाजपा ने इस षड्यंत्र को रचा था।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि छात्रों के आंदोलन में अगर असामाजिक तत्व थे, तो वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोग थे। छात्रों के आंदोलन को खत्म करने के लिए भाजपा ने इस षड्यंत्र को रचा था।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने पुलिस से कहा कि पत्थर चलाने वाले लोग आ रहे हैं छात्रों पर लाठीचार्ज करो। हरीश रावत ने कहा कि ऐसा भी हो सकता है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बदनाम करने के लिए उनके विरोधी गुट के भाजपाइयों ने ही यह षड्यंत्र रचा हो।
कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि छात्रों के धरने को खत्म कराने के लिए सोची समझी साजिश के तहत लाठीचार्ज किया गया। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज की कई वीडियो वायरल हो रही है, उन वीडियो को जूम करके देखें तो पता लगता है, कि दो पुलिस वाले पत्थर उठा रहे हैं और पीछे जा रहे हैं।
एक सब-इंस्पेक्टर लड़की को डंडों से मार रहा है। उसके बाद लाठीचार्ज किया जाता है। और पुलिस वालों द्वारा ही पुलिस पर पत्थर मारे जाते हैं। छात्रों ने पत्थर तब मारे जब लाठीचार्ज हो गया। पत्थर मारने की शुरुआत किसने की यह एक यह साजिश है।
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