उत्तरकाशी एवलांच हादसा : एसडीआरएफ की पांच टीमें रेस्क्यू के लिए रवाना

उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित द्रौपदी का डांडा पर्वत पर फंसी निम की टीम के रेस्क्यू के लिए उत्तराखंड एसडीआरएफ की पांच टीमें देहरादून स्थित सहस्त्रधारा हेलीपैड से घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं।

एसडीआरएफ की डीआईजी रिद्धिम अग्रवाल ने बताया कि एयरफोर्स से शासन ने संपर्क किया है। उन्होंने बताया कि तीन हेलीकॉप्टर पूरे क्षेत्र की रेकी करेंगे।
एसडीआरएफ के कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया कि सहस्त्रधारा हेलीपैड से एसडीआरएफ की पांच टीमें घटनास्थल के लिए रवाना हो गई हैं तथा तीन टीमों को रिजर्व में रखा गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर इन टीमों को भी रवाना किया जाएगा।

गौरतलब है कि आज उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित डोकरानी बामक ग्लेशियर में भारी एवलांच आने से 28 ट्रैकर फंस गए हैं। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक दो ट्रैकर्स की मौत की खबर है।
इस दुर्घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से रेस्क्यू के लिए वायुसेना की मदद मांगी है।

रत्रामंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट कर घटना पर दुख जताते हुए हरसंभव सहायता का भरोसा दिया है।
सभी ट्रेनी ट्रैकर उत्तरकाशी स्थित नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के हैं। निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट ने बताया कि द्रौपदी का डंडा क्षेत्र में 28 लोगों का दल प्रशिक्षण के लिए गया था। इस दौरान वहां एवलांच की खबर आई है।
जानकारी के मुताबिक नेहरु पर्वतारोहण संस्थान निम का डोकरानी बामक ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर पिछले महीने 22 सितंबर से बेसिक तथा एडवांस ट्रेनिंग कोर्स चल रहा था. इस कोर्स में बेसिक प्रशिक्षण के 97 ट्रेनी, 24 प्रशिक्षक तथा निम के एक अधिकारी समेत कुल 122 लोग शामिल थे.
एडवांस कोर्स में 44 प्रशिक्षणार्थी व नौ प्रशिक्षक समेत कुल 53 लोग शमिल थे.

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि सभी को सुरक्षित निकालने के लिए निम द्वारा रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. घटना स्थल पर निम के पास दो सेटेलाइट फोन मौजूद हैं. रेस्क्यू अभियान के लिए निम के अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है.

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