लोकसभा चुनाव का ऐलान होते ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई. आचार संहिता के दौरान चुनाव प्रचार को लेकर कई सारे नियम लागू हो जाते हैं. उनका उल्लंघन करने पर कार्रवाई होती है. उत्तराखंड के हल्द्वानी में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का पहला मामला सामने आया है. एआरओ एपी वाजपेयी ने बताया कि आचार संहिता लगते ही सभी विभागों के प्रभारियों को निर्देशित किया गया था कि वो अपने-अपने विभाग परिसर में लगे सभी सरकारी विज्ञापनों को तुरंत हटावा लें. यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो इसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा. चुनावों की तारीखों की घोषणा के दो दिन बाद भी सोबन सिंह जीना बेस हॉस्पिटल के परिसर में सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार का विज्ञापन लगा हुआ था. इसकी शिकायत किसी व्यक्ति ने हल्द्वानी रिटर्निंग ऑफिसर को कर दी.
सिटी मजिस्ट्रेट ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को नोटिस जारी करते हुए उनसे जवाब मांगा है. सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि अस्पताल प्रशासन से नोटिस का जवाब मांगा गया है. नियम के तहत आचार संहिता लगने के 24 घंटे के भीतर सभी राजनीतिक पोस्टर एवं होर्डिंग्स को हटाया जाना था, लेकिन बेस अस्पताल परिसर के अंदर सरकारी योजना के होर्डिंग लगे हुए थे, जिन्हें हटाया नहीं गया. इस पर हल्द्वानी सिटी मजिस्ट्रेट/एआरओ एपी वाजपेयी ने बेस हॉस्पिटल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एआरओ एपी वाजपेयी ने बताया कि जहां कहीं भी आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ये आचार संहिता उल्लंघन का पहला मामला है.