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Farmers Protest Live: आखिर क्यों खेत छोड़ सड़कों पर उतरे किसान, जानिए पूरा मामला

कृषि कानून वापस हो गए थे लेकिन फिर भी दोबारा से किसान सड़कों पर उतर गए हैं। इसके पीछे वर्ष 2020 में आए कृषि कानून ही है। MSP समेत कई मांगों को लेकर अन्नदाता फिर सड़क पर उतर गए हैं।

Farmers Protest Live: वर्ष 2020 के किसान आंदोलन की तरह एक बार फिर देश के किसान खेतो से निकलकर सड़को पर उतर गए हैं। विभिन्न मांगो को लेकर ‘दिल्ली चलो’ मार्च आज सुबह 10 बजे शुरू हुई, जिसमें पंजाब के संगरूर से 2,500 ट्रैक्टर ट्रॉलियों में किसान हरियाणा से होते हुए दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। फिलहाल सबसे बड़ खब़र यह है कि शंभु बॉर्डर पर किसानो को रोकने के लिए पुलिस बल प्रयोग भी करती नजर आ रही है। शंभु बॉर्डर पर किसानो पर ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं।

किसानों की चेतावनी ने बढ़ाई पुलिस की चिंता

किसानों ने अपने आंदोलन और दिल्ली कूच करने की चेतावनी पहले से ही दे दी थी। किसानों द्वारा दी गई चेतावनी के बाद प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई है कि कहीं फिर से 2020 जैसा ही प्रदर्शन ना हो जाए। सरकार की सबसे बड़ी चुनौती फिलहाल पंजाब और हरियाणा के किसानों को लेकर है। 

किसानों के मार्च पर पुलिस हाई अलर्ट 

किसानों के मार्च को लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। पंजाब से लेकर दिल्ली तक बॉर्डर पर सुरक्षा सख्त कर दी गई है। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग हिस्से से किसान दिल्ली कूच कर रहे है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग करके हर गाड़ी की चेकिंग की जा रही है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग के साथ साथ ड्रोन से भी निगरानी की जा रही है।

आखिर क्यों मार्च पर निकले किसान ?

पंजाब-हरियाणा के किसानों की मार्च करने की वजह वर्ष 2020 में पारित नहीं हो पाए कृषि कानून से संबंधित है। किसानों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। किसानों को पेंशन की सुविधा हो और फसल बीमा दिया जाए। किसान और मजदूरों की कर्ज माफी की मांग भी हो रही है। सबसे प्रमुख मांग ये है कि 2020 में हुए किसानों के प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द कर दिया जाए। 

दिल्ली कूच किसान मार्च की अगुवाई संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहा है। इन दोनों संगठनों के साथ 200 से अधिक किसान संघ शामिल हैं।

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