हर महीने बदलेंगे बिजली बिल पर 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी बढ़ोतरी
प्रदेश में अब हर महीने बिजली दरों में बढोतरी और कमी होगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस पर मुहर लगाई है।
देहरादून। प्रदेश में अब हर महीने बिजली दरों में बढोतरी और कमी होगी। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस पर मुहर लगाई है। हालांकि आयोग ने इसी के साथ यह व्यवस्था भी की है कि हर महीने महंगी बिजली का भार बिजली उपभोक्ताओं पर कुल औसत बिजली दर से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं पड़ेगा। एक तरह से ऐसा कर आयोग ने यूपीसीएल पर बिजली दरों में वृद्धि न लगाने पर अंकुश के लिए किया है। आयोग की नई व्यवस्था के तहत, बिजली उपभोक्ताओं को कुल औसत बिजली दर से अधिक भुगतान नहीं करना पडे़गा। घरेलू उपभोक्ताओं की औसत बिजली दर 5.33 रूपए प्रति यूनिट है। यानी कि महंगी बिजली की दर घरेलु उपभोक्ताओं के लिए 1.07 रूपए प्रति यूनिट, लघु उद्योगों के लिए 1.40 रूपए प्रति यूनिट और बड़े उद्योगों के लिए 1.45 रुपए प्रति यूनिट से नीचे रहेंगी। अभी तक यूपीसीएल गैस और कोयले से चलने वाले पाॅवर प्लांट से जो बिजली खरीदता हैए उनके लिए फ्यूल चार्ज एडजसमेंट हर तीन महीने में होता है। इस मद में हर तीन महीने में फ्यूल चार्ज के रेट बिजली बिल में बदलते रहते थे। कभी ये बढ़ जाते हैं तो कभी कम हो जाते है। अब ये फ्यूल चार्ज भी तीन महीने के बजाय हर महीने ही तय होकर उपभोक्ताओं से नियमित रूप से वसूला जाएगा। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि यूपीसीएल से हर तीन महीने में ब्योरा लिया जाएगा ताकि यह पता लग सके कि उपभोक्ताओं से किसी प्रकार की अतिरिक्त वसूली तो नहीं हो रही है।