उत्तराखंड मसूरी में भूकंप के झटके, पुराने भवनों में लोग रहने को मजबूर
भवन स्वामियों को भवन खाली करने का नोटिस दिया गया था। साथ ही गिरासू भवनों की सूची एसडीएम को दी गई थी। उन्होंने कहा कि लोग अपना नया…
मसूरी। शहर में गिरासू भवनों के कारण भय का माहौल बना हुआ है। जिस तरह से भूकंप की घटनाएं बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए यह भय और बढ़ता जा रहा है। अंग्रेजों के जमाने के कई भवनों की हालत ऐसी है कि जरा सा भूकंप का झटका कई जिंदगियों पर भारी पड़ सकता है। सबकुछ जानने के बावजूद जिम्मेदार इस ओर आंखें मूंदे हुए हैं।
गत दिवस आधी रात के बाद आए भूकंप के झटके मसूरी में भी महसूस किए गए। जिससे लोग सहम उठे और घरों से बाहर आ गए। लंढौर निवासी संदीप अग्रवाल ने कहा कि जिस प्रकार से भूकंप की घटनाएं बढ़ रही हैं। उसे देखते हुए लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। मसूरी में कई भवन पांच से छह मंजिला हैं, जो अंग्रेजों के जमाने के हैं। इनमें कई भवनों की हालत बहुत दयनीय बनी हुई है। ऐसे में हादसों का डर बना रहता है।
उधर, नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता ने कहा कि शहर में 2015 में गिरासू भवनों का सर्वे किया था। इस दौरान 69 गिरासू भवनों को चिह्नित किया गया था। इन सभी भवन स्वामियों को भवन खाली करने का नोटिस दिया गया था। साथ ही गिरासू भवनों की सूची एसडीएम को दी गई थी।
उन्होंने कहा कि लोग अपना नया भवन बनाना चाहते हैं, लेकिन एमडीडीए के नियम आड़े आ जाते हैं। इसके अलावा कई लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह इन भवनों में रहने को मजबूर हैं। सरकार को ऐसे लोगों को आर्थिक मदद देनी चाहिए, जिससे वह इन गिरासू भवनों की मरम्मत कर सकें।
एसडीएम मसूरी शैलेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि नगर पालिका प्रशासन शहर के गिरासू भवनों को चिह्नित करे और उसकी सूची जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दे। सर्वे कार्य में प्रशासन पालिका की पूरी मदद करेगा। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से जो भी निर्णय होगा, उसके मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी।