प्रदेश में चार साल से नहीं मिले द्रोणाचार्य पुरस्कार,  तीन साल से नहीं मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड

विभिन्न प्रकार के खेलों में देश और दुनिया में उत्तराखंड के खिलाड़ी अपने नाम का डंका बजा चुके हैं लेकिन बावजूद इसके हर साल मिलने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार, उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड की घोषणा बीते चार सालों से नहीं हुई है ।

वर्ष 2018-19 में उत्तराखंड देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे गए थे लेकिन इसके विजेताओं की घोषणा नहीं की गई थी। वहीं इस 2018-19 में, रुद्रपुर के बंगाली कॉलोनी निवासी बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार को उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार और देहरादून निवासी अरुण कुमार सूद को वॉलीबॉल के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था।

इसके बाद वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए खेल विभाग की ओर से अवार्ड के लिए खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों से आवेदन मांगे गए। आवेदनपत्रों की जांच भी की गई, लेकिन इन तीनों पुरस्कारों की घोषणा नहीं की गई ।

मामले में खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया की कोविड और फिर विधानसभा चुनावों की आचार संहीता के चलते पुरस्कार देने में देरी हुई इसलिए पिछले तीन वर्षों के पुरस्कार विजेताओं के नाम चयनित कर लिए गए हैं और जल्द ही पुरस्कार भी दिए जाएंगे ।

जानकारी के लिए बता दें की प्रदेश में द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रशिक्षक को दिया जाता है जिसमें तीन लाख रूपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है ।

उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड विजेता खिलाड़ी को पुरस्कार के रूप में पांच-पांच लाख की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

पुरस्कार विजेता के चयन के लिए खेल मंत्री की अध्यक्षता में बैठक होती है जिसमें खेल सचिव, निदेशक, विभाग का वरिष्ठ अधिकारी एवं एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल होते है ।

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