Dehradun : मकान अगर रोड़ पर हो तो उसकी कीमत होती है, खेत अगर रोड़ पर हो तो उसकी भी कीमत होती है लेकिन आदमी अगर रोड़ पर हो तो उसकी कीमत नही होती। ऐसा ही कुछ काम अब सरकार कर रही हैं। पहले रिस्पना-बिंदाल के किनारों पर सरकारी भूमि पर मकान बनाकर 100-100 रुपये के स्टांप पर बेच दिए गए। लेकिन अब इन मकानों को खरीदने वालों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है ।
Dehradun : हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम कर रहा सर्वे
दरअसल अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर निगम सर्वे कर रहा है। जिसमें चिह्नीकरण के बाद ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी हो सकती है। ऐसे में मलिन बस्तियों में वर्ष 2016 के बाद मकान खरीदने वालों में खलबली मच गई है और वह नगर निगम के चक्कर काट रहे हैं। देहरादून नगर निगम क्षेत्र में स्थित कुल 129 बस्तियों को चिह्नित किया गया है, जिनमें 40 हजार भवन होने का अनुमान है।
इस ओर बीते आठ वर्ष से नगर निगम ने भी ध्यान नहीं दिया। वैसे तो मलिन बस्तियों में जमीन या मकान की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, लेकिन शहर की तमाम बस्तियों में जमीन व मकान की धड़ल्ले से खरीद-फरोख्त की जाती है। काठबंगला से दूधली तक नदी की चौड़ाई का सर्वे कर वर्ष 2016 के बाद बने भवनों को चिहि्नत किया गया।
करीब 13 किलोमीटर की लंबाई में अवैध पाए जाने वाले निर्माण को हटाया जाएगा। सर्वे करने के बाद सप्ताहभर में नगर निगम की ओर से ऐसे भवन स्वामियों को नोटिस भेज दिए गए हैं। स्वयं अतिक्रमण न हटाने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई भी की जा सकती है।
Dehradun : इन इलाको पर मंडरा रहा खतरा
रायपुर चूना भट्ठा, आर्यनगर, अधोईवाला, भगत सिंह कालोनी, मोहिनी रोड, दीपनगर, रामनगर, रिस्पना नगर, चंदर रोड, इंदर रोड, प्रीतम रोड आदि क्षेत्रों में नदी संकरी है। जिसका कारण अतिक्रमण कर अवैध निर्माण किया जाना है। इस मामले पर कांग्रेस नेता राजकुमार ने कहा कि हम ये घर नही टूटने देंगे आंदोलन की आवश्कता हुई तो वो भी करेंगे
बता दें कि मलिन बस्ती अधिनियम के तहत वर्ष 2016 के बाद निर्माण अवैध है।
Dehradun : 30 जून तक हटाने के आदेश
एनजीटी ने नगर निगम स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन बस्तियों को आपने चिन्हित किया हैं उन्हें 30 जून तक हर हाल में हटाना होगा। एनजीटी ने नगर निगम से नदी के फ्लड जोन के बारे में भी जानकारी ली और फ्लड प्लेन जोन का चिह्नीकरण हर हाल में कराने को कहा है, अगली सुनवाई अब 24 जुलाई को होगी।
जानकारी के लिए बता दें कि फ्लड प्लेन जोन नदी का वह भाग है जिसमें नदी का पानी पूर्व में कभी बहा है। इसमें 25 सालों से ज्यादा पुराना रिकॉर्ड देखा जाता है। जिसके बाद फ्लड प्लेन जोन निर्धारित किया जाता है और इसके लिए एक्ट भी बना है।