प्रदेश की राजधानी दून में इन दिनों गुलदार की दहशत बढ़ गयी है। पिछले 1 महीने में गुलदार ने दो बच्चों को अपना शिकार बनाया है। गुलदार के शिकार से एक बच्चे की मृत्यु हो गई है। वहीं एक बच्चे को बचाने में साथियों ने जान की बाज़ी लगा दी जिससे उसकी जान बच गई। हालत यह है की रिहायशी इलाकों में अँधेरा होते ही लोग घरो में दुबक रहे है। रात और सुनसान जगहों पर अकेले जाने से किनारा कर रहे है।
सीएम धामी ने दिए यह निर्देश:
देहरादून के विभिन्न क्षेत्रों में गुलदार द्वारा बच्चों पर आक्रमण करने की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रमुख सचिव वन आर. के. सुधांशु को निर्देश दिये कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करें। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में बैठक लेते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं को रोकने में लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई भी की जाए। गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाये जाएं और रात्रि गश्त की जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं हो रही है, उन क्षेत्रों में वन विभाग को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवारजनों को आर्थिक सहायता के रूप में प्रदान की जाने वाली अनुग्रह राशि को 04 लाख रूपये से बढ़ाकर 06 लाख रूपये करने का प्रस्ताव जल्द लाया जाए। उन्होंने कहा कि नये वाइल्ड लाईफ रेस्क्यू सेंटर भी बनाये जाएं। वाइल्ड लाइफ में धारण क्षमता से अधिक जानवर होने की स्थिति में यदि अन्य राज्यों से जानवरों की डिमांड आ रही है, तो इसकी भी डिटेल रिपोर्ट बनाई जाए।
एसएसपी द्वारा दिए यह निर्देश:
राजपुर क्षेत्र में गुलदार द्वारा बच्चे पर हमला करने की घटना के बाद एसएसपी देहरादून द्वारा पुलिस को प्रभावित इलाकों में वाहनों से नियमित गस्त के निर्देश दिये गए है। पुलिस द्वारा नियमित रूप से प्रभावित इलाकों में वाहनों से गस्त भी की जा रही है। साथ ही लाउड हेलरो के माध्यम से लोगो को सावधानी बरतने के निर्देश दिये जा रहे है।
साथ ही उन्होंने आमजन से अनुरोध किया की प्रभावित इलाकों में रात्रि के समय अनावश्यक रूप से बाहर न निकले तथा अपने आसपास गुलदार के दिखाई देने पर तत्काल वन विभाग अथवा पुलिस कंट्रोल रूम 112 को सूचित करें।