उत्तराखंड: देहरादून में कभी अफगानिस्तान के राजा याकूब खान का महल रहे काबुल हाउस को जिला प्रशासन द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित करते हुए काबुल हाउस को खाली करा दिया गया है। 19 बीघा में फैले इस इलाके में तब से कुछ परिवार रह रहे थे। काबुल हाउस में रह रहे करीब 16 परिवारों को वहां से हटा दिया गया है। पिछले 70 सालों से वहां रह रहे लोगो ने इसका विरोध भी किया लेकिन उनकी एक न सुनते हुए प्रशासन द्वारा भेजी गयी टीमों ने उनका सामान घरों से बाहर निकाल कर रख दिया साथ ही बिजली पानी का कनेक्शन भी काट दिया। जिससे लोगों को मजबूरन वह से जाना पड़ा। कई दशक से वह रह रहे लोगों के सामने अब मुसीबत आ खड़ी हुई है की अब वह कहा जाएंगे, कहां रहेंगे ?
क्या है मामला ?
देहरादून में कबूल हाउस का निर्माण राजा मोहम्मद याकूब खान ने 1879 में करवाया था जब आजादी के समय पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो उनके वंशज भी पाकिस्तान चले गए इसके बाद करीब 16 परिवार इस काबुल हाउस में रह रहे थे।
काबुल हाउस को रह रहे परिवारों का मामला काफी समय से कोर्ट में लंबित था। डीएम कोर्ट ने दो हफ़्ते पहले अपने आदेश में सभी परिवारों को 15 दिन का समय दिया था ताकि वह समय रहते घर खली कर सके। जिसको देखते हुए बुधवार को जिला प्रशासन की टीम काबुल हाउस पहुंच कर वहां रह रहे परिवारों को बहार निकलने के आदेश दिए। टीम के वह पहुंचने से लोगों के बीच अफरा तफरी मच गई। कई लोगो ने विरोध भी किया लेकिन प्रशासन के आगे किसी की न चली।
क्या होती है शत्रु संपत्ति ?
भारत जब आजाद हुआ तो कुछ लोग जो भारत से पाकिस्तान चले गए थे उनकी संपत्ति भारत में ही रह गई थी, जिसे भारत सरकार द्वारा शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया गया था। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने 10 सितंबर 1959 को एक आदेश जारी किया था और 18 दिसंबर 1971 को दूसरा आदेश जारी किया गया था. जिसके बाद देश भर में ऐसी सभी संपत्तियां शत्रु संपत्ति घोषित हो गई थी, जिन सम्पतियों के मालिक बहार जाकर बस गए थे।