Rajasthan Assembly Elections : कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की
कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए पहली सूची जारी कर दी है। इस सूची में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरदारपुरा से और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को टोंक से चुनाव मैदान में उतारा गया है।
Rajasthan Assembly Elections 2023 : आगामी राजस्थान विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने 33 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है। इस प्रारंभिक सूची में पार्टी के प्रमुख नेताओ को टिकट दिया गया है । काँग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सरदारपुरा से और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को टोंक से चुनाव मैदान में उतारा है। वही स्पीकर सीपी जोशी नाथद्वारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को लक्ष्मणगढ़ से मैदान में उतारा गया है।
आगामी 25 नवंबर को होने वाले चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन पर विचार-विमर्श करने के लिए कांग्रेस की राज्य चुनाव समिति की बैठक पहले ही बुलाई गई थी। चर्चाओं के दौरान, पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया और राजस्थान चुनाव में जीत हासिल करने के लिए रणनीतियों का भी पता लगाया।
राजस्थान में चुनावी मुकाबला कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह राज्य में बार-बार सत्ता परिवर्तन की ऐतिहासिक प्रवृत्ति को बदलना चाहती है। 1993 विधानसभा चुनावों के बाद से राजस्थान में कोई भी सत्ताधारी दल चुनावों के बाद सत्ता में वापसी नहीं कर पाया है ।
राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव, 2023 के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा जारी उम्मीदवारों की पहली सूची। pic.twitter.com/tOyTHUM2TN
— Congress (@INCIndia) October 21, 2023
राजस्थान में काँग्रेस भी अपनी भीतरी कलहों से जूझ रही है । अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच मतभेद सार्वजनिक और जगजाहिर है, जिसकी वजह से पार्टी को भी कई बार शर्मसार होना पड़ा है ।
हालांकि, हालिया घटनाक्रम से दोनों नेताओं के बीच संभावित सुलह का संकेत मिला है। गहलोत और पायलट दोनों ने दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ व्यापक चर्चा की है। कर्नाटक में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार से जुड़ी ऐसी ही स्थिति के समाधान के बाद काँग्रेस ने कुछ ऐसा ही संदेश राजस्थान में भी देने की कोशिश की है ।
सचिन पायलट ने पहले कहा था कि पार्टी विधानसभा चुनाव में एकजुट मोर्चा दिखाएगी । उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनादेश हासिल करने के बाद निर्वाचित विधायकों और पार्टी नेतृत्व द्वारा तय किया जाएगा।
25 नवंबर को होने वाले मुकाबले और 3 दिसंबर को वोटों की गिनती के साथ, सभी की निगाहें राजस्थान की इस निर्णायक चुनावी लड़ाई के घटनाक्रम पर हैं।