भू-कानून और मूल निवास प्रमाण पत्र के मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए उच्चस्तरीय समितियों की गठन का निर्देश दिया है। समितियां मूल निवास प्रमाण पत्र के प्रारूप के संबंध में हो रही बातों का परीक्षण करेंगी, जो नागरिकों के लिए महत्त्वपूर्ण है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में इन समितियों का गठन हो सकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि जिन नागरिकों के पास मूल निवास प्रमाण पत्र होगा, उन्हें अन्य प्रमाण पत्रों की जरूरत नहीं होगी। इसके साथ ही, भू कानून सम्बंधित सिफारिशों के बारे में भी एक कमेटी गठित की जाएगी। इस मुद्दे पर सरकार ने सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देश दिया है कि जिन लोगों के पास मूल निवास प्रमाण पत्र है, उनके लिए स्थायी निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं होगी।
24 दिसंबर को देहरादून में महारैली का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें स्थायी निवास प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर मांग की जाएगी। सरकार संवाद के माध्यम से इस मामले को हल करने का संकल्प दिखा रही है।