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Children’s day: क्यों था चाचा नेहरू को बच्चों से इतना प्यार, जाने कुछ खास बातें

पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि बच्चे देश का आने वाला कल है अगर उन्हें बेहतर शिक्षा दी जाएगी तो समाज और देश में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा।

हर साल 14 नवंबर को बच्चों का दिन कहा जाता है कारण है देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन और उनका बच्चों के प्रति इतना ज्यादा लगाव। उनका मानना था की बच्चे देश का आने वाला कल है अगर उन्हें बेहतर शिक्षा दी जाएगी तो समाज और देश में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा। बच्चे देश का भविष्य है यदि उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाएगी तो समाज और देश में बेहद क्रांतिकारी परिवर्तन और विकास देखने को मिलेगा।

जितना उन्हें बच्चों से प्यार था उतना ही बच्चें उन्हें प्यार करते थे। उन्होंने अपनी जिंदगी में बच्चों के लिए कई कल्याणकारी कार्य किए। जिस वजह से लोग उन्हें प्यार से चाचा नेहरू या चाचा जी कहकर भी बुलाते थे। चाचा नाम से प्रसिद्ध हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू ने कभी बच्चों में लिंग के बीच भेदभाव नहीं किया और लड़कियों और लड़कों को एक जैसा समान अवसर देने में विश्वास किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को देश की नींव और असली ताकत मानते थे।

गुलाब से क्यों था इतना प्रेम:

जानकारी अनुसार पंडित जवाहरलाल नेहरू 1938 के आसपास एक जुलूस में शामिल हुए थे जहां एक छोटी बच्ची द्वारा उन्हें कोट में लाल गुलाब का फूल लगा दिया था। जवाहर लाल नेहरू बच्चों की तुलना हमेशा गुलाब के फूल से करते थे उनका हमेशा से मानना था की बच्चे बाग की कलियों के जैसे होते हैं इसलिए वो हमेशा अपने कोट में गुलाब का फूल लगाया करते थे। लाल गुलाब बच्चों का यानि देश के भविष्य का प्रतीक है और बच्चे मासूम होते हैं, उनका दिल सच्चा होता है। गुलाब भी प्रेम और मासूमियत का ही प्रतीक है।

Pandit Jawahar Lal Nehru

वही एक और दूसरी कहानी INC India ने एक पोस्ट में दिया था की पंडित जवाहर लाल नेहरू हर रोज़ अपनी कोट पर अपनी पत्नी कमला नेहरू की याद में एक ताज़ा लाल गुलाब लगाते थे। उनकी धर्मपत्नी कमला नेहरू का लंबी बीमारी के बाद 1938 में निधन हो गया था।

जवाहर लाल नेहरू के जीवन के बारें में
1. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था और उन्होंने 27 मई 1964 को अंतिम सांस ली थी ।
2. देश की आजादी के बाद जवाहर लाल नेहरू को सर्वसम्मति से देश का प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने लंबे समय तक देश की सेवा की। विश्व पटल पर भी नेहरू जी को प्रखर नेता कहा जाता था। नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तो उन्होंने बच्चों की पढ़ाई,उनके स्वास्थ्य को लेकर बेहद योगदान दिया।
3. पंडित मोतीलाल पेशे से बैरिस्टर थे। वहीं, पंडित नेहरू की धर्मपत्नी का नाम कमला नेहरु था।इनकी माता का नाम स्वरूपरानी नेहरु और पिताजी का नाम मोतीलाल नेहरु था।
4. पंडित जवाहरलाल नेहरू की तीसरी बेटी इंदिरा गांधी थी, जो लाल बहादुर शास्त्री की उत्तराधिकारी बनी और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री भी थी।

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