सीएम धामी को मिलने के लिए मोहल्ले में लगी भीड़, किसी ने ली सेल्फी तो किसी ने सरकारी योजनाओं पर दी प्रतिक्रिया।
हल्द्वानी। लोकसभा चुनाव की व्यस्तता के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मार्निंग वॉक के दौरान आम लोगों से मिलना, उनकी कुशल क्षेम पूछना और उनसे अपनी सरकार के कामकाज का फीडबैक लेना का सिलसिला नहीं छोड़ा। आज हल्द्वानी प्रवास के दौरान प्रातःकाल वह अचानक भाजपा नैनीताल जनपद के अनुसूचित जाति मोर्चा के उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या के घर पहुंच गए। उन्होंने आर्या के परिवारजनों से भेंट कर लम्बी बातचीत की और उनसे सुझाव भी लिये। * मुख्यमंत्री को अचानक अपने घर में देखकर आर्या के परिजन और मोहल्ले के लोग अचंभित हो गए। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।*
मुख्यमंत्री बुधवार की सुबह लगभग 7 बजे हल्द्वानी में अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष जीवन चंद्र आर्या जी के घर पहुंच गए। बिना किसी पूर्व सूचना और तामझाम के मुख्यमंत्री ने आर्या के घर अचानक आमद दर्ज कराई। एक क्षण के लिए आर्या को भी विश्वास नहीं हुआ कि सूबे के मुखिया उनके घर पधारे हैं। आनन-फानन में उन्होंने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और अपने परिजनों को इसकी सूचना दी। मुख्यमंत्री ने आर्या को गले लगाकर उनसे किसी फार्मेलिटी न पड़ने का आग्रह किया और वह खुद आंगन में लगी कुर्सी पर बैठ गए। इसी बीच मोहल्ले के लोग भी बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए।
मुख्यमंत्री ने किसी को निराश नहीं किया। वह एक-एक कर सभी से मिले और उनकी कुशलक्षेम पूछी।
दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में हो या जिलों के दौरे पर, सुबह की सैर के दौरान वह राह चलते हुए आम लोगों से मुखातिब होते रहे हैं और उनसे सरकार के कामकाज का फीडबैक लेते हैं। उनकी यह आदत हमेशा से चर्चा में रही है। मुख्यमंत्री को बिना लाव-लश्कर के सड़क पर अकेले चलता देख लोग हैरान जरूर होते हैं लेकिन इस दौरान जिले में चल रहे कार्यों और सरकार की योजनाओं पर वह आसानी से अपनी प्रतिक्रया सीधे मुख्यमंत्री को दे पाते हैं। इतना ही नहीं मुख्यमंत्री भी लगे हाथ उनसे सुझाव ले लते हैं। जनता से मिलने वाले सुझावों को कई बार वह सरकार की योजनाओं और कार्य संस्कृति में शामिल भी कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विजन है कि वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को देश के अग्रिम पायदान की श्रेणी में लाना है। इसके लिए वह साफ कह चुके हैं कि यह उनकी अकेले की यात्रा नहीं बल्कि प्रदेश के सवा करोड़ लोगों की सामूहिक यात्रा है। अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह लगातार प्रयास करते हैं कि ज्यादातर समय जनता के बीच बताएं और उनके फीडबैक व सुझाव लें।