उत्तराखंडदेहरादून

मुख्यमंत्री ने सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को दिलाई शपथ

संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है: मुख्यमंत्री

देहरादून। मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय के प्रति प्रदेश की जनता की बड़ी अपेक्षायें रहती है। जनता की अपेक्षाओं पर खड़ा उतरना हमारी जिम्मेदारी है। हम सब सरकार के अंग है तथा राज्य का विकास हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सचिवालय प्रदेश में सुशासन की नींव है। यहीं से प्रदेश के भविष्य के लिए फैसले लिए जाते हैं और जनकल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन होता है। संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारकर समाज के अंतिम पक्ति में खड़े व्यक्ति तक उसका लाभ पहुंचाने में कर्मचारियों की बड़ी भूमिका होती है। संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन राज्य सरकार का मुख्य ध्येय है। इस ध्येय की प्राप्ति में अधिकारी और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
शुक्रवार को सचिवालय में सचिवालय संघ के निर्वाचित कार्यकारिणी के सदस्यों को शपथ दिलाते हुए मुख्यमंत्री ने सचिवालय कर्मचारी कल्याण कोष के गठन के लिये 30 लाख की धनराशि प्रदान करने तथा सचिवालय में विजिटर रूम की व्यवस्था बनाये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने चाइल्ड केयर लीव की पूर्ववतः व्यवस्था बनाये रखने आदि की भी बात कही।

Chief Minister administered oath to the officials of the Secretariat Association
मुख्यमंत्री ने सचिवालय संघ के अध्यक्ष  सुनील लखेड़ा, उपाध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली, महासचिव राकेश जोशी एवं कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को शुभकामनायें देते हुए अपेक्षा की, कि वे प्रदेश के सर्वांगीण विकास एवं आमजन तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उन्हें राहत देने के लिए और अधिक संवेदनशीलता के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में मददगार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तराखंड सचिवालय में एक नई कार्य संस्कृति, एक नया सौहार्दपूर्ण कार्यव्यवहार का वातावरण आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान नवनिर्वाचित सचिवालय संघ में अधिकांश निर्वाचित सदस्य उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी रहे है। जिन लोगों ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लिया, उन लोगों को इस राज्य के विकास एवं दूर दराज के आम जनमानस की चिंता होगी ऐसा उनका विश्वास है। उन्होंने कहा कि बड़े सघर्षों के बाद उत्तराखण्ड राज्य का निर्माण हुआ है। हमें जन सेवा का भाव सदैव अपने मन में लाना होगा। जन संतुष्टि का सदैव हमारा प्रयास रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संसाधनों के विकास, निवेश एवं आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिये पर्यटन, उद्योग एवं जीएसटी क्लेक्शन में बढ़ोत्तरी के प्रयास जारी है। इस संबंध में विभिन्न क्षेत्रों में नई नीतियां बनाई गई है। देश-विदेश के उद्यमी राज्य में निवेश के लिए आए, इसके लिए दिसंबर में वैश्विक निवेश सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपना एक-एक क्षण राज्यहित एवं विकास के लिए समर्पित करना होगा। हमारे विशिष्ट कार्य ही हमारी पहचान बनाते है। उन्होंने जनसमस्याओं के समाधान में आपसी संवाद पर ध्यान देने पर बल देते हुए कहा कि हम सबको उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए विकल्प रहित संकल्प के मंत्र को आत्मसात कर सहयोगी बनना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सचिवालय के कार्मिकों की समस्याओं का निराकरण करने के साथ कर्मचारी हितों में जो भी कार्य होंगे, उन्हें समयबद्ध और सुनियोजित तरीके से पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने संघ के कतिपय पदाधिकारियों का निर्विरोध निर्वाचित होने पर भी खुशी जताते हुए कहा कि इससे पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक संदेश जाएगा कि राज्य की सर्वोच्च संस्था में बैठे अधिकारी कर्मचारी अपने प्रतिनिधियों के चयन में विश्वास एवं उनके समर्पण को ध्यान में रखते हुए उन्हें निर्विरोध निर्वाचित करते हैं।
मुख्यमंत्री ने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्राविधान करने वाले नारी शक्ति वंदन विधेयक के लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त किया।
अपर मुख्य सचिव  राधा रतूड़ी,  आनन्द वर्धन ने भी सचिवालय संघ के पदाधिकारियों को शुभकामनाएं दी। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया तथा मुख्यमंत्री आपदा राहत हेतु रूपये 1.82 लाख का चैक भेंट किया।

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