उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित बदरीनाथ धाम के कपाट आज शनिवार को शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे। इसके साथ ही चारधाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा।
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत शुक्रवार को माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होने का आमंत्रण दिया गया। इस दौरान मंदिर में पूजा अर्चना की गई।
शुक्रवार को धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल और वेदपाठी रविंद्र भट्ट और लक्ष्मी मंदिर के पुजारियों ने मां लक्ष्मी की पूजा की और उन्हें कढ़ाही भोग लगाया।
आज शनिवार को पंच पूजाओं के पांचवें दिन रावल स्त्री वेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान करेंगे। उसके बाद उद्धव जी व कुबेर जी मंदिर प्रांगण में आएंगे और दोपहर 3:33 बजे पर धाम के कपाट बंद हो जाएंगे।
मंदिर प्रशासन के अनुसार कपाट बंद करने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।
बदरीनाथ धाम के कपाट हर वर्ष 6 महीने के लिए शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाते हैं। बदरीनाथ धाम के कपाट हर साल अप्रैल के महीने में खुलते हैं और नवंबर के महीने में बंद हो जाते हैं। इस दौरान लाखों श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं।