प्रदेश में आये दिन मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं सामने आती है। कई बार तो संघर्ष इतना भयानक हो जाता है की इंसान को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है। वही कई बार वह बुरे घायल भी हो जाते है। सरकार द्वारा कई योजनाएं भी बनाई गयी है परंतु इसका कोई हल नज़र नहीं आता दिख रहा है।
वही एक और मानव-वन्यजीव संघर्ष का एक मामला सामने आया है। निजमुला घाटी के ईराणी गांव में लकड़ी लेने जंगल गए एक व्यक्ति पर भालू ने हमला कर उसे बुरी तरह से घायल कर दिया। हमले में बुरी तरह घायल होने पर ग्रामीण उन्हें कुर्सी पर बैठाकर करीब चार किमी पैदल चले इसके बाद उन्हें अस्पताल में 108 सेवा वाहन की मदद से उसे जिला चिकित्सालय गोपेश्वर में भर्ती किया गया।
भालू के साथ हुए संघर्ष में आनंद सिंह के चेहरे, हाथ, पांव और सिर पर भालू के नाखूनों के गहरे निशान पड़ गए हैं, जिससे काफी खून बह गया है। गोपेश्वर में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने उन्हें हायर सेंटर बेस अस्पताल श्रीकोट (श्रीनगर) भेज दिया है।
गांव से सड़क दूर होने के कारण उन्हें कुर्सी पर बैठकर सड़क तक लाना पड़ा।
ग्राम प्रधान मोहन सिंह नेगी ने बताया कि ग्रामीण आनंद सिंह (35) शनिवार शाम को सूखी लकड़ी लेने गांव के समीप के जंगल में गया था। जब वह वहां से लौट रहा था तो अचानक भालू ने उस पर हमला कर दिया। आंनद सिंह ने भी भालू से छुटकारा पाने के लिए संघर्ष किया जिसमे वह बुरी तरह घायल हो गए।
करीब 10 मिनट तक दोनों के बीच संघर्ष चलता रहा। आनंद के शोर मचाने पर भालू भाग गया। आनंद ने अपने मोबाइल से पत्नी और फिर ग्रामीण राजवीर सिंह को फोन कर घटना की जानकारी दी। जिसके बाद ग्रामीण जंगल गए और रात करीब आठ बजे उन्हें गांव तक लाए।