Budget 2023 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति से मुलाकात की
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को संसद में बजट 2023-24 पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सीतारमण केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में शामिल होंगी। गौरतलब है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2023-24 पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। स्थापित परंपरा के अनुसार वित्त मंत्री ने संसद जाने से पहले राष्ट्रपति भवन जा कर राष्ट्रपति से मुलाकात की। राष्ट्रपति भवन ने ट्वीट किया, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्यमंत्री डॉ. भागवत किशनराव कराड और पंकज चौधरी तथा वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी 2023-24 के लिए आम बजट पेश करने से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करने के लिए राष्ट्रपति भवन आए। इसके बाद, बजट को मंजूरी देने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बजट पेश करने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट को मंजूरी देगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट 2023-24 पेश किए जाने से पहले बुधवार को शेयर बाज़ार बढ़त के साथ खुला। बुधवार को बीएसई का सेंसेक्स 437 अंकों की बढ़त के साथ 59,987 पर खुला जबकि एनएसई का निफ्टी 129 अंक चढ़कर 17,791 पर खुला। सीतारमण बुधवार को 11 बजे से संसद में बजट पेश करेंगी।
बजट शब्द फ्रेंच भाषा के ‘Bougette’ से आया है जिसका मतलब होता है चमड़े का बैग। संविधान के अनुच्छेद 112 के मुताबिक आम बजट एक वित्त वर्ष में सरकार की आय-व्यय का लेखा-जोखा होता है और स्वतंत्र भारत का पहला बजट 1947 में पेश हुआ था। बजट को ब्रीफकेस में लाने की परंपरा 1970 के दशक से शुरू हुई थी।
स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को देश का पहला बजट पेश किया था। जस्टिस पार्टी के नेता चेट्टी कोचीन राज्य के पूर्व दीवान थे और उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज व मद्रास लॉ कॉलेज से पढ़ाई की थी। चेट्टी 1933-35 तक भारत की केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष भी रहे थे।
देश का बजट पहले राष्ट्रपति भवन में छपता था लेकिन 1950 में बजट लीक होने के बाद इसकी छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगी। हालांकि, 1980 में वित्त मंत्रालय में प्रिंटिंग प्रेस लगने के बाद बजट यहीं छपता है। इसकी छपाई से जुड़े कर्मचारी हलवा सेरेमनी से लेकर बजट पेश होने तक यहीं रहते हैं।