ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह के अटूट हौसले को सलाम
बॉर्डर फिल्म के सनी देओल तो आपको याद ही होंगे, जिन्होंने मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी का किरदार निभाया था।आज हम उन्ही के जयंती पर उनको याद करते हुए, आपको रियल लाइफ ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के बारे में बताते हैं, कि कैसे उन्होंने लोंगेवाला के युद्ध में पाकिस्तान के नापाक मंसूबों को खाक में मिलाया था।
आज के ही दिन यानि 22 नवंबर 1940 को ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह का जन्म एक गुर्जर सिख परिवार में हुआ। 1962 में उन्होंने इंडियन आर्मी जॉइन की। जिसके बाद 1963 में उनको ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकैडमी से पंजाब रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में कमिशन किया गया था। 1965 के युद्ध में उन्होंने हिस्सा लिया था। और युद्ध के बाद वह एक सा ल तक गाजा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन पर रहे।
जिस समय लोंगेवाला में पाकिस्तानी फौज का हमला हुआ था, उस वक्त वह मेजर के पद पर थे, और ब्रिगेडियर के पद से रिटायर्ड हुए। लोंगेवाला युद्ध का नेतृत्व ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी कर रहे थे। और उनके असाधारण नेतृत्व से ही प्रोत्साहित होकर हमारे भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को करारी मात दी।
इस युद्ध में पाकिस्तान के 200 जवानों को अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ा, 500 के करीब जवान घायल हुए, तो वहीँ पाकिस्तान के 34 टैंक तबाह हो गए थे। ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के इसी अटूट हौसले और नेतृत्व के बदौलत ही पाकिस्तान की काफी फजीहत हुई थी।
और 16 दिसंबर को इस जंग को जीतने के साथ ही भारतीय सैनिक अपनी सीमा में वापस आए। जीत के इस परचम को लहराने के लिए भारत सरकार द्वारा ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। भारत के ऐसे जाबाज़ को, late ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को हमारा सलाम,,,