भाजपा की रणनीति या मजबूरी? हारी हुई सीटों पर उतार दिए केन्द्रीय मंत्री, सांसद
भाजपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है । इस सूची में कुल 39 नाम है जिनमें 3 केंद्रीय मंत्री समेत 7 सांसद शामिल है । सांसदों के विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे है ।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों ( Madhya Pradesh Assembly Election ) के लिए उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है । भाजपा की इस लिस्ट में कुछ भारी भरकम नाम भी शुमार है जिनमें , केन्द्रीय मंत्री से लेकर सांसद और राष्ट्रीय महासचिव तक शामिल है ।
उम्मीदवारों की इस सूची में तीन केंद्रीय मंत्री – नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल हैं। । मुरैना जिले की दिमनी सीट से नरेंद्र सिंह तोमर, नरसिंहपुर विधानसभा सीट से प्रह्लाद पटेल और केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को निवास से प्रत्याशी बनाया गया है। इसके अतिरिक्त, पार्टी ने अपने राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को मैदान में उतारा है, जो इंदौर-1 सीट से चुनाव लड़ेंगे।
चुनावी दौड़ में शामिल अन्य लोकसभा सांसदों में सतना सीट से चार बार के सांसद गणेश सिंह, जिन्हें उनकी वर्तमान सीट से मैदान में उतारा गया है, सीधी विधानसभा सीट से दो बार की सांसद रीति पाठक चुनाव लड़ेगी । वही चार बार के जबलपुर सांसद राकेश सिंह जबलपुर-पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे, और होशंगाबाद सीट से तीसरी बार सांसद उदय प्रताप सिंह को नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा सीट से चुनावों में उतारा गया है ।
BJP releases the second list of 39 candidates for the upcoming Madhya Pradesh elections. pic.twitter.com/jEWLNdVaSn
— ANI (@ANI) September 25, 2023
मध्य प्रदेश कांग्रेस प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इस कदम को भाजपा के आंतरिक संघर्ष का संकेत बताया। उन्होंने कहा, ”18.5 साल की भाजपाई सरकार और 15 साल से ज्यादा के शिवराज़ी विकास के दावों को नक्कारने वाली भाजपाई प्रत्याशियों की सूची करोड़ों कार्यकर्ताओं की पार्टी का दावा करने वाली भाजपा की आंतरिक हार पर पक्की मोहर है।”
एमपी में हार स्वीकार कर चुकी भाजपा ने उम्मीद का आखरी झूठा दांव आज खेला है।
18.5 साल की भाजपाई सरकार और 15 साल से ज्यादा के शिवराज़ी विकास के दावों को नक्कारने वाली भाजपाई प्रत्याशियों की सूची करोड़ों कार्यकर्ताओं की पार्टी का दावा करने वाली भाजपा की आंतरिक हार पर पक्की मोहर है।…
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 25, 2023
पिछली बार 78 में से 3 सीट जीती थी भाजपा
भाजपा ने अपनी पहली 39 उम्मीदवारों की सूची के बाद अब दूसरी सूची भी 39 उम्मीदवारों की जारी की है । इसके साथ पार्टी अब तक विधानसभा की कुल 230 सीटों में से 78 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है । 2018 के विधानसभा चुनावों की बात करे तो इन 78 सीटों में से भाजपा को 75 सीटों पर पराजय मिली थी और उसने केवल 3 सीट पर विजयी हासिल की थी ।
इन 3 सीटों में से मैहर से वर्तमान में भाजपा के नारायण त्रिपाठी विधायक है लेकिन उनके द्वारा नई पार्टी की घोषणा करने के बाद पार्टी ने श्रीकांत चतुर्वेदी को अपना उमीदवार बनाया है।
दूसरी सीट सीधी विधानसभा क्षेत्र से दो बार की सांसद रीति पाठक को टिकट दिया गया है। यहाँ से पार्टी ने चार बार के मौजूदा विधायक केदारनाथ शुक्ला की टिकट काट दी है। कहा जा रहा है कि शुक्ला को कुछ महीने पहले सीधी में हुए ‘पेशाब कांड’ की कीमत चुकानी पड़ी है, जिसमें उनके एक समर्थक प्रवेश शुक्ला द्वारा दशमत रावत नाम के एक आदिवासी व्यक्ति के चेहरे पर पेशाब कर दिया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुआ था । तीसरी सीट नरसिंहपुर की बात करे तो यहाँ से पार्टी ने केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल को उतारा है । वर्तमान में प्रह्लाद पटेल के छोटे भाई जालम सिंह नरसिंहपुर से विधायक हैं।
कई सांसद दशको बाद लड़ रहे विधानसभा चुनाव
भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों की बात करे तो यह सब कई दशको के बाद विधानसभा चुनावों में अपनी किस्मत आजमाएंगे । उदाहरण के तौर पर फग्गन सिंह कुलस्ते 33 साल बाद विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है तो वही, नरेंद्र सिंह तोमर 15 बाद और प्रह्लाद पटेल पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे है । प्रह्लाद पटेल सबसे पहले वर्ष 1989 में लोकसभा के सदस्य चुने गए। विजयवर्गीय अपने पैतृक इंदौर जिले की महू सीट जीतने के एक दशक बाद मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में पदार्पण कर रहे हैं।
यंग इंडिया का दम भरने वाली भाजपा द्वारा बूढे़ सांसदों को विधायकी का टिकट देने को लेकर भी सवाल उठ रहे है । मैहर से टिकट कटने के बाद विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा की भाजपा के सांसद अब विधायक का चुनाव लड़ेंगे और विधायक सरपंच का ।
यहाँ पर बताते चले की इनमें से कुछ नेताओ के पुत्र भी टिकट के दावेदार थे । नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे रामू ग्वालियर ( पूर्व ) से टिकट के दावेदार थे तो वही कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश विजयवर्गीय फिलहाल इंदौर-3 से विधायक हैं लेकिन अब पिता कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर-1 से टिकट मिलने के बाद आकाश विजयवर्गीय के टिकट कटने के संकेत मिल रहे हैं।
शिवराज पर कसा शिकंजा
भाजपा ने आगामी मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को जारी उम्मीदवारों की दूसरी सूची में भी पार्टी के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र की घोषणा नहीं की है जिसको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे है । पार्टी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल को मैदान में उतारकर मुख्यमंत्री पद की दौड़ को भी पूरी तरह से खुला छोड़ दिया गया है।
मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारकर भाजपा का लक्ष्य पारंपरिक रूप से कमजोर सीटों पर अपनी उपस्थिति को मजबूत करना हो सकता है लेकिन कमजोर सीटों पर उम्मीदवारों की कमी के होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
भाजपा की पहली लिस्ट के बाद पार्टी में काफी घमासान देखने को मिला था । टिकट दावेदारों के समर्थकों द्वारा कई जगह तोड़फोड़ की घटनाएँ भी देखने को मिली थी । दिग्गजों को टिकट देकर पार्टी असंतुष्टों तो साधने का काम भी करती हुई नजर आ रही है । वही अभी तक के टिकट बंटवारे से देखा जा सकता है की टिकट का पूरा कंट्रोल केंद्रीय नेतृत्व ने अपने हाथ में ले लिया है । मध्य प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जो अब तक टिकट बांट रहे थे अब उम्मीदवार बन गए है वही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्वाचन क्षेत्र की घोषणा भी अभी तक नहीं की गई है।
अभी तक के उम्मीदवारों की सूची से भाजपा के अंदर की अंतर्कलह साफ देखी जा सकती है , दूसरी तरफ शिवराज सरकार के खिलाफ आ रहे तमाम सर्वे भी दिग्गजों को विधानसभा का चुनाव लड़वाने का कारण हो सकते है।