भाजपा कर रही 3 राज्यों में मुख्यमंत्री पद के लिए नए चेहरों पर विचार
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हालिया विधानसभा चुनावों में अपनी शानदार जीत के बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में नए चेहरों को मुख्यमंत्री नियुक्त करने पर विचार कर रही है। पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व आगामी 2024 के आम चुनाव पर नजर रखते हुए संभावित उम्मीदवारों का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन कर रहा है।
भाजपा मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे केंद्रीय राज्यों में नए चेहरों को मुख्यमंत्री नियुक्त करने पर विचार कर रही है, जहां उसने हाल ही में विधानसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल की है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार इन तीन राज्यों में मुख्यमंत्री कि चयन प्रक्रिया आगामी 2024 के आम चुनाव के लिए रणनीतिक विचारों द्वारा निर्देशित होगी।
कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर साढ़े चार घंटे की महत्वपूर्ण बैठक हुई, जो तीन राज्यों में संभावित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों को लेकर थी । बैठक में खुद प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए ।
इस मैराथन बैठक के बाद राज्य के नेताओं की प्रतिक्रिया जानने के लिए इन राज्यों के भाजपा प्रभारियों के साथ-साथ शाह और नड्डा के बीच प्रारंभिक चर्चा हुई।
उम्मीद है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जल्द ही तीनों राज्यों के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करेगा। ये पर्यवेक्षक विधानसभा में अपने नेताओं के चुनाव की सुविधा के लिए नवनिर्वाचित विधायकों की बैठकों की निगरानी करेंगे।
मध्य प्रदेश में, निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और नरेंद्र सिंह तोमर के साथ-साथ राज्य के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय भी शीर्ष पद के दावेदारों में से हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री पद के लिए भी कई नाम चर्चा में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अर्जुन राम मेघवाल, राज्य पार्टी अध्यक्ष सीपी जोशी, और प्रमुख नेता दीया कुमारी और महंत बालकनाथ को संभावित उम्मीदवारों के रूप में देखा जा रहा है।
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह दावेदारों में शामिल हैं । प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण कुमार साव, विपक्ष के नेता धरमलाल कौशिक और पूर्व आईएएस अधिकारी ओपी चौधरी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी नेतृत्व का पहले भी मुख्यमंत्री को लेकर लोगों को आश्चर्यचकित करने का इतिहास रहा है । माना जा रहा है की मुख्यमंत्री को लेकर जातीय समीकरण, क्षेत्रीय आकांक्षाओं और प्रत्येक राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए ही फैसला लिया जाएगा।