बसंत पंचमी: जाने इस दिन ‘पीले रंग’ का खास महत्व
पीला रंग तनाव को दूर करता है और दिमाग में शांति लाता है. इसके साथ ही पीला रंग आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला माना गया है।
प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि के दिन मनाया जाने वाला बसंत पंचमी का त्योहार काफी महत्व रखता है। इस दिन विद्या की अधिष्ठात्रि देवी मां सरस्वती का जन्म हुआ था। इसलिए घरों में सरस्वती माँ की पूजा अर्चना करी जाती है। मां सरस्वती विद्या की देवी मानी जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की कामना के लिए मां सरस्वती की आराधना करते है। मां शारदा की कृपा पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का भी विशेष महत्व माना जाता है।
पीले रंग का क्यों है इतना महत्व
बसंत पंचमी के दिन पीला रंग बहुत ही शुभ माना जाता है। लोग अपने अपने घरों में पिले रंग के खाने पीने की चीज़े बनाते है। पहनने के कपड़ो में भी पीले रंग का इस्तेमाल करते है। बसंत पंचमी के दिन से बंसत ऋतु का आगमन होता है। इस ऋतु में पीले रंग के फूल जैसे पीली लिली, गेंदा, नाइट जैस्मीन समेत शीतकालीन चमेली जैसे कई सुगंधित पुष्प उगते हैं। बता दें पीला रंग मां शारदा को बेहद प्रिय है।
पीला रंग हिंदू ग्रंथों में भी काफी शुभ माना गया है। वास्तु शास्त्र के मुताबिक पीला रंग गुरु बृहस्पति से संबंधित होता है। माना जाता है कि जिन लोगों का गुरु बृहस्पति कमजोर रहता है। उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। पीला रंग बुद्धि, विद्या और ज्ञान की बढ़ोतरी करने में फायदेमंद मानी जाती है। वहीं ये सभी गुण मां सरस्वती की कृपा से प्राप्त होते हैं। साथ ही पीले रंग के तिलक लगाने से मन की शांति प्राप्त होती हैं। पीला रंग शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक है।
पीला रंग तनाव को दूर करता है और दिमाग में शांति लाता है. इसके साथ ही पीला रंग आत्मविश्वास को बढ़ाने वाला माना गया है। इसके अलावा सूर्य के उत्तरायण रहने से सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती हैं. सब कुछ पीला-पीला होता है, इसलिए इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं।