चीन में बच्चों पर तेज़ी से फ़ैल रहे माइक्रो प्लाज्मा, निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू को लेकर भारत में भी स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरत रहा है। जिस तरह से कोरोना ने लगभग दो साल तक कोहराम मचाया था वहीं समय दोहराया न जाए इसके लिए स्वास्थ्य विभाग भी पूरी तरह से मुस्तैद है। वहीं उत्तराखंड में भी इसके मद्देनज़र दिशा निर्देश जारी किये गए है।
वही बागेश्वर जिले में दो बच्चों में इन्फ्लूएंजा फ्लू जैसे लक्षण दिखे हैं। दोनों के सैंपल जांच के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी भेजे गए हैं। जिले के एसीएमओ डॉ. देवेश चौहान ने बताया कि अस्पताल में जिन दो बच्चों को लाया गया उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण की आशंका को देखते हुए दोनों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट चार से पांच दिन में आ जाएगी।
वहीं उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा से निपटने के लिए भी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। जिला अस्पताल के सभी 68 बेड ऑक्सीजन पाइप लाइन से जुड़े हुए हैं। जिला अस्पताल में 650 एलपीएम के दो ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट स्थापित हैं। कांडा और कपकोट सीएचसी में भी ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लगे हुए हैं। जरूरत पड़ने पर जिला अस्पताल में अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा। उसके बाद ही आईसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा।
वही स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि इन्फ्लूएंजा फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से तैयार है। जरूरत पड़ने पर अलग से आईसीयू वार्ड भी बनाया जाएगा। फिलहाल इन्फ्लूएंजा फ्लू का कोई मरीज अब तक नहीं आया है। आइसोलेशन बेड, वार्ड, ऑक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर पर्याप्त है। यदि जरूरत पड़ी तो अलग से आईसीयू वार्ड बनाया जाएगा।
वही स्वास्थ्य विभाग की ओर से आम जान को भी जरुरी दिशा निर्देश दिए गए है की वह भी लापरवाही न बरतें हाथ और मुँह को लगातार धोते रहे , किसी के मुँह पर न छिखें, किसी को भी यदि सांस लेने में तकलीफ है तो अपने नजदीकी अस्पताल में चिकिस्तक को जरूर दिखाए।