बाबा बौखनाग मेले को राजकीय मेला बनाने की उठी मांग
उत्तरकाशी जिले में बौख टिब्बा पर मनाया जाने वाला बाबा बौखनाग का मेला आज सेम नागराजा के मेले की तर्ज पर संपन्न हुआ। बाबा बौखनाग का ये मेला दो दिनों तक चला, जिसमें पहला पड़ाव मोराल्टू में रहा। और आज बाबा बौखनाग बौख टिब्बा पर पंहुचकर मेला स्थल पहुंचे, जहाँ ढोल बाजों की धून से पूरा वातावरण भक्ति से गूंज उठा।
इस मेले में हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। जहां उन्होने बाबा बौख नाग से मन्नत मांगी। बता दें कि बौख टिब्बा समुद्री तल से लगभग 7 हजार फीट की उंचाई वाला शानदार बुग्याल वाला क्षेत्र है, जहां खरसू, मोरू, बांज, बुरांश, धुनेर के संघन जंगल वाला छायादार वृक्षो वाला वन है। जो पर्यटन की दृष्टी से बेहद महत्वपूर्ण है।
बौख टिब्बा पर गंगा घाटी से बौखनाग की तीन देव डोलीयां पंहुची। और एक यमुना घाटी से स्वयं बाबा बौखनाग सहित माता अठासीण की देवडोली बौख टिब्बा पर पंहुची।
मेले में पुलिस प्रशासन द्वारा दो दिनों से सुरक्षा का कड़ा पहरा दिया गया, जिससे मेला शान्तिपूर्वक संपन्न हुआ। राज्य सरकार से मेला समिति के अध्यक्ष गोलु डोभाल, जवाहर सिहं चौहान सहित सैकड़ों लोगों ने मेले को पर्यटन में घोषित करने और राजकीय मेला घोषित करने की मांग उठाई है।