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B.R. Ambedkar की पुण्यतिथि आज, जानिए कैसे थे बाबा साहेब के आखिरी दिन

डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर भारतीय संविधान के वास्तुकार थे। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महू, मध्य प्रदेश में हुआ था। 06 दिसम्बर 1956 को बाबासाहेब ने आखिरी सांस ली थी। इसलिए इस दिन बाबासाहेब की पुण्यतिथि मनाई जाती है। इस मौके पर जानते है बाबा साहेब ने अपने आखिरी दिन कैसे बिताए थे।

डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर को बाबासाहेब अंबेडकर(B.R. Ambedkar) के नाम से भी जाना जाता है। आज बाबासाहेब की पुण्यतिथि है। आज के दिन को पूरे देश में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। बाबा अंबेडकर को शोषित-कमजोर तबकों के नायक के रूप में भी जाना जाता है। 

बाबासाहेब अंबेडकर के आखिरी दौरे

नवंबर के आखिरी तीन हफ्तों के दौरान बाबासाहेब(about B.R. Ambedkar) दिल्ली से बाहर थे। बाबासाहेब 12 नवंबर को पटना होते हुए काठमांडू के लिए रवाना हुए थे। जिसके बाद वह 14 नवंबर को काठमांडू में विश्व धर्म संसद के आयोजन में शामिल हुए थे।

वह 30 नवंबर को भारत वापिस लौटे थे। डॉक्टर बाबासाहेब का आखिरी सार्वजनिक कार्यक्रम राज्यसभा की कार्यवाही में शिरकत करना था। दिल्ली में संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका था। 4 दिसंबर को बाबासाहेब तबीयत खराब होने के बावजूद भी संसद गए थे। संसद जाने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया और दोपहर बाद लौट आए थे। ये बाबासाहेब का संसद का आखिरी दौरा था। 

बाबासाहेब का आखिरी दिन

बाबासाहेब आंबेडकर को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, न्यूराइटिस और आर्थराइटिस जैसी बीमारियां थी। डायबिटीज की बीमारी के कारण वह काफी कमजोर हो गए थे और गठिया की वजह से वह दर्द से परेशान रहते थे। 6 दिसंबर साल 1956 को दिल्ली स्थित आवास पर नींद के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली थी। मरणोपरांत साल 1990 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। 

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