विधानसभा भर्ती घोटाला : 50 और कर्मचारियों की सेवा समाप्त
उत्तराखंड विधानसभा भर्ती घोटाले की आधिकारिक पुष्टि होने के बाद अब अपराधियों पर नकेल कसी जा रही है, जिन भी लोगों के इस प्रकरण में नाम सामने आ रहे हैं उनपर कार्यवाही हो रही है । इसी के चलते अब 50 और कर्मचारियों की विधानसभा से सेवा समाप्त कर दी गई है और इसके लिए उन्हें सेवा समाप्ति पत्र भी दे दिए गए हैं ।
विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने 2016 से 2022 तक तदर्थ आधार पर नियमों के विपरीत की गई भर्तियों को रद्द किया था। सरकार की अनुमति मिलने के बाद विधानसभा सचिवालय ने इन कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। सोमवार को विधानसभा ने लगभग 50 कर्मचारियों को पत्र जारी किए।
बैकडोर भर्तियों की जांच कर रही विशेषज्ञ समिति ने राज्य गठन के बाद विधानसभा में तदर्थ आधार पर हुई नियुक्तियों को नियम के विरुद्ध पाया है। समिति की सिफारिशों पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 2016 में 150, 2020 में 6 और 2021 में 72 पदों की भर्ती को रद्द करने का फैसला लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी स्पीकर के फैसले की सराहना करते हुए तत्काल अनुमोदन कर दिया था।
विधानसभा में 32 पदों की सीधी भर्ती प्रक्रिया में संदिग्ध भूमिका होने पर सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था ।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने 32 पदों की सीधी भर्ती में एजेंसी के चयन और दो दिन के भीतर एजेंसी को 59 लाख का भुगतान मामले की जांच का निर्णय लिया है। जांच पूरी होने तक सचिव को निलंबन जारी रहेगा ।